आजमगढ़ : मतदान करने से पहले आपको ले जाना होगा ये पहचान पत्र

प्रेस नोट
आजमगढ़ 21 मई- जिला निर्वाचन अधिकारी श्री विशाल भारद्वाज ने बताया है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 61 में यह उपबंधित है कि निर्वाचकों के प्रतिरुपण का निवारण करने की दृष्टि से, ताकि उक्त अधिनियम की धारा 62 के अधीन वास्तविक निर्वाचकों का उनके मत देने के अधिकार को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके, मतदान के समय निर्वाचकों की पहचान सुनिश्चित करने के साधन के रुप में निर्वाचकों के लिए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र के उपयोग हेतु नियमों के द्वारा उपबंध किए जा सकते हैं, तथा निर्वाचकों का रजिस्ट्रिकरण नियम, 1960 का नियम 28 निर्वाचन आयोग को, इस दृष्टि से कि निर्वाचकों के प्रतिरुपण का निवारण हो सके तथा मतदान के समय उनकी पहचान को सरल बनाया जा सके, निर्वाचको को राज्य की लागत पर फोटोयुक्त निर्वाचक फोटो-पहचान पत्र जारी करने के लिए निर्देश देने की शक्ति प्रदान करता है।
उन्होने बताया कि निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 49 ज (3) और 49 ट (2) (ख) में यह उपबंधित है कि जहाँ किसी निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचकों को निर्वाचक रजिस्ट्रिकरण नियम, 1960, के नियम 28 के उक्त उपबंधों के अधीन निर्वाचक फोटो पहचान-पत्र दिए गए हैं, वहां निर्वाचकों को मतदान केन्द्र में अपना निर्वाचक फोटो पहचान-पत्र दिखाना होगा तथा उनकी ओर से उन निर्वाचक फोटो पहचान पत्रों को नहीं दिखाए जाने या दिखाने में असमर्थ होने पर उन्हें मत डालने की अनुमति देने से इन्कार किया जा सकता है; तथा उक्त अधिनियम, और नियमों के उपर्युक्त उपबंधों को मिलाकर एवं सामंजस्यपूर्ण ढंग से उनके अध्ययन से यह स्प्षट होता है कि यद्यपि मत देने का अधिकार निर्वाचक नामावली में नाम के होने से ही होता हैं, यह निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य की लागत पर, मतदान के समय उनकी पहचान सुनिश्चित करने के साधन के रुप में प्रदान करवाए गए निर्वाचक फोटो पहचान पत्र के प्रयोग पर भी निर्भर करता है, तथा दोनों का एक साथ प्रयोग करना होता है; तथा निर्वाचन आयोग ने एक समयबद्ध कार्यक्रम के अनुसार सभी निर्वाचकों को निर्वाचक फोटो पहचान-पत्र ई०पी०आई०सी० जारी करने का निदेश देते हुए 28 अगस्त, 1993 को एक आदेश जारी किया है; तथा देश में लगभग 100 प्रतिशत निर्वाचकों को निर्वाचक फोटो पहचान पत्र जारी किए जा चुके हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी मतदाताओं से अपील किया है कि वे मतदान स्थल पर अपना मत डालने से पहले अपनी पहचान सुनिश्चित करने हेतु अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्र दिखाएंगे। ऐसे निर्वाचक जो अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंको/डाकघरों द्वारा जारी किए गए फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय की योजना के अन्तर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेन्स, पैन कार्ड, एनपीआर के अंतर्गत आरजीआई द्वारा जारी किए गए स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केन्द्र/राज्य सरकार/लोक उपक्रम/पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, सांसदो/विधायकों/विधान परिषद् सदस्यों को जारी किए गए सरकारी पहचान पत्र, और यूनिक डिसएबिलिटी आईडी (यूडीआईडी) काई, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार, में से कोई एक प्रस्तुत करना होगा।
एपिक के संबंध में, लेखन अशुद्धि, वर्तनी की अशुद्धि इत्यादि को नजरअंदाज कर देना चाहिए, बशर्तें निर्वाचक की पहचान एपिक से सुनिश्चित की जा सके। यदि कोई निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रदशिर्त करता है, जो कि किसी अन्य सभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जारी किया गया हैं, ऐसे एपिक भी पहचान स्थापित करने हेतू स्वीकृत किए जाएंगे, बशर्ते उस निर्वाचक का नाम जहां वह मतदान करने आया है, उस मतदान केंद्र से संबंधित निर्वाचक नामावली में उपलब्ध हो। यदि फोटोग्राफ इत्यादि के बेमेल होने के कारण निर्वाचक की पहचान सुनिश्चित करना संभव न हो, तब निर्वाचक को उपर्युक्त किसी एक वैकल्पिक फोटो दस्तावेज को प्रस्तुत करना होगा। उक्त किसी बात के होते हुए भी, प्रवासी निर्वाचकों को जो अपने पासपोर्ट में विवरणों के आधार पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 20क के अधीन निर्वाचक नामावलियों में पंजीकृत हैं, मतदान केन्द्र में केवल उनके मूल पासपोर्ट (तथा कोई अन्य पहचान दस्तावेज नहीं) के आधार पर ही पहचाना जाएगा।