लखनऊ। कन्नौज सांसद रही @dimpleyadav का प्रतिनिधि रहा नवाब सिंह नाबालिग छात्रा के साथ रेप के प्रयास मे #पाक्सोएक्ट मे गिरफ्तार हुआ तो सपा नेता बता रहे हैं कि वह वर्तमान समय में पार्टी में नहीं था। लेकिन इसी 6 अगस्त को कानपुर देहात की सपा महिलासभा की जिला अध्यक्ष और उसका कथित पति अपहरण कर युवक को गायब करने के आरोप में दस वर्ष की सजा और 50-50 हजार जुर्माना की सजा पाये, इस सपा नेताओं ने सन्नाटा खींच लिया। दिसंबर 2003 में मुख्यमंत्री मुलायम के कार्यकाल में सपा नेता के ढाबे पर कार्यरत सीमा यादव का पति मनोज यादव अचानक गायब हो गया। बूढ़ी मां के लाख कोशिशों के बाद भी बच्चे को गायब करने के आरोपी सपा नेता सुरेश यादव व सीमा यादव के विरुद्ध मुकदमा तक नहीं दर्ज हो पाया। 2007 से 2012 मायावती की सरकार में भी इन पर मुकदमा दर्ज नहीं हो पाया। 2012 से 2017 में अखिलेश यादव सरकार में भला उनके पिता जी के द्वारा पाले गये गुंडा, माफिया, दुराचारी और दंगाई तो बेखौफ ही हो गये थे। जिसके कारण अखिलेश सरकार में हिस्ट्रीशीटर सुरेश यादव के विरुद्ध मुकदमा नहीं दर्ज हुआ। इतने अन्याय और माफियागिरी के बाद भी बढ़ी मां की ममता हारने को न तैयार थी। सुरेश यादव बूढ़ी मां को धमकी देता कि बार-बार मेरे पास आती हो तुम्हारे दूसरे बेटे को भी गायब कर देंगे। उसी के पास तुम्हें भी भेज देंगे। इसके बाद उत्तर प्रदेश में जब योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार आयी तब 2018 में एडीजी के आदेश पर इन दोनों के खिलाफ 15 वर्ष बाद प्राथमिकी दर्ज हुआ। उसी मुकदमे में बीते 6 अगस्त 2024 को 23 वर्ष बाद आरोपी सुरेश यादव व सीमा यादव को अदालत ने दस वर्ष की सजा व 50-50 हजार जुर्माना भरने की सजा मिली। बताते हैं कि अखिलेश यादव, शिवपाल यादव व अन्य सपा नेताओं का आरोपी सुरेश व सीमा के साथ निकटता और उसकी फोटो देख प्रशासन हाथ डालने से डरता था। क्योंकि सुरेश यादव और सीमा यादव के गॉडफादर लगातार प्रशासन पर आरोपियों के पक्ष में पैरवी करते थे। अपराध और अपराधी पसंद नेताओं के चलते इंसाफ मिलने की संभवना समाप्त सी हो गयी। लेकिन धन्यवाद भाजपा सरकार को, जिसने दुर्दांत अपराधी को बिना भय उसके खिलाफ मुकदमा लिखवाया और प्रभावी पैरवी करवा कर दुर्दांत सुरेश यादव-सीमा यादव को मनोज के अपहरण में उसके असली ठिकाने जेल पहुंचाया। दस सीटों के विधानसभा उपचुनाव में जनता अखिलेश यादव से जनता यह जरूर पूछेगी यह कौन पीडीए है? गरीब यादव पीडीए नहीं था? गरीब निषाद पीडीए नहीं था क्या? दुरचियों अत्याचारियों के सरगना को जेल भेजा जाये।