भारत आने के बाद अनिल कटयाल ने 1980 से लेकर सन 2000 तक हिंदुस्तान लीवर कंपनी में प्रबंधक के पद पर काम किया और उसके बाद 2000 से 2005 तक यामाहा कंपनी में चीफ जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत रहा। उसके बाद 2005 से 2015 तक वोडाफोन कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट कॉरपोरेट अफेयर्स के पद पर काम करते हुए रिटायर हो गया। आरोपी अनिल कटियाल लोगों को 1979 बैच का आईपीएस अधिकारी बता कर लोगों से ठगी करता था। वहीं दूसरा आरोपी विनोद कपूर मूल रूप से सी43 सीरीस रोड थाना डीएलएफ फेस 3 गुरुग्राम हरियाणा का रहने वाला है। आरोपी विनोद कपूर ने गवर्नमेंट डिफेंस कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में काम किया है. सन 1976 में भारत कंट्रक्शन कंपनी बनाकर राजस्थान में काम किया है। सन 1988 में भारत कंट्रक्शन कंपनी के साथ पार्टनरशिप कर दिल्ली कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाई। विनोद कपूर दिल्ली, पालम, सरसवा एयरपोर्ट, ग्वालियर एयर बेस जैसे महत्वपूर्ण जगहों के हैंगर रनवे कंपाउंड वॉल का निर्माण करा चुका है। दोनों आरोपियों की आपस में मुलाकात 15 दिन पहले गुरविंदर सिंह के माध्यम से हुई थी। गुरविंदर सिंह नाम का व्यक्ति दुबई में ट्रेडिंग का व्यवसाय करता है। अनिल कटियाल दिल्ली के कुछ पुलिस अधिकारी को 1979 बैच का रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी बताकर व्हिस्की बार एंड लौंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लिए बार के लाइसेंस बनवा चुका है। वहीं दिल्ली के आरटीओ में आबकारी विभाग में अपने आप को रिटायर्ड आईपीएस बताकर उनसे अर्थिक लाभ प्राप्त किया है। पुलिस ने आरोपी के मोबाइल से कुछ चौट और कॉल रिकॉर्डिंग बरामद की हैं। जिसमें यह अपने फर्जी रसूख का दबाव बनाता सुनाई दे रहा है।