प्रेस नोट
आजमगढ़ 07 दिसंबर– मा0 राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व मा0 उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ एवं मा0 जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ के निर्देशों के अनुपालन में आज नवनियुक्त पराविधिक स्वयं सेवकों को जनपद न्यायालय, आजमगढ़ के ’हाल ऑफ जस्टिस’ सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ श्री सतीश चन्द्र द्विवेदी प्रभारी जनपद न्यायाधीश द्वारा दीप प्रज्जवलित कर व मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया।
इस अवसर पर श्री कमला पति-l विशेष न्यायाधीश, एस0सी0/एस0टी0 एक्ट, श्री जैनेन्द्र कुमार पाण्डेय, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं0-03, श्री संतोष कुमार यादव, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं0-06, श्री ध्रुव कुमार त्रिपाठी, जिला प्रोबेशन अधिकारी मौजूद रहे।
प्रभारी जनपद न्यायाधीश महोदय ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि पराविधिक स्वयं सेवकों का मुख्य कार्य समाज के गरीब तथा असहाय व्यक्ति को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक करना है तथा विधिक सेवा संस्थानों तक पहुॅच उपलब्ध कराना है। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए अपर जनपद न्यायाधीश श्री संतोष कुमार यादव ने कहा कि पी0एल0वी0 का कार्य समाज के उस वर्ग के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है जो न्याय से वंचित है व निचले पायदान पर है। ऐसा व्यक्ति जो कार्यालयों मे, थानों में, न्यायालयों में जाते हुए भी घबराता है उसके प्रार्थना पत्र को लिखने में या उसकी अन्य प्रकार से विधिक सहायता करने में पी0एल0वी0 को लगाया जाता है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण का शुरूआत से ही लक्ष्य रहा है कि कानूनी रूप से वंचित व्यक्ति को न्यायालय के दरवाजे तक बिना रोक-टोक के पहुॅचाया जायें। इसी क्रम में कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए श्री अनुपम कुमार त्रिपाठी सि0जज सि0डि0 ने कहा कि आम आदमी विधिक सेवा संस्थानों तक सहज रूप से पहुॅच सके इसी को ध्यान में रखते हुये वर्ष 2009 में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पैरा-लीगल वालंटियर नाम की एक स्कीम शुरू की गयी, जिसके अन्तर्गत समाज के विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों का चयन करके उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षित पराविधिक स्वयं सेवक विधिक साक्षरता शिविर के माध्यम से आम जन मानस को जागरूक करते है। प्रधान न्यायाधीश किशोर न्याय बोर्ड सुश्री जागृति सिंह ने किशोर न्याय अधिनियम के बारे में विस्तृत जानकारी दिया।
श्री ध्रुव चन्द्र त्रिपाठी जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा महिलाओं से सम्बन्धित कानूनों, विभिन्न हेल्पलाईन नम्बरों के बारे में जानकारी दी गयी। श्री सी0एल0 निगम पैनल अधिवक्ता ने बताया कि पैरा-लीगल वालंटियर का मतलब यह है कि एक ऐसा व्यक्ति जिसे कानून का बुनियादी ज्ञान तो है, लेकिन वह पूर्ण रूप से वकील नहीं है। इनका मुख्य काम समाज और न्याय संस्थाओं के बीच की दूरी को कम करना है। श्री प्रदीप सिंह पैनल अधिवक्ता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, ने अपने वक्तव्य में कहा कि पी0एल0वी0 का कार्य गरीब एवं न्याय से वंचित लोगों को न्यायालय तक पहुॅचाना है तथा विभिन्न संस्थानों में उपस्थित होकर आम जन मानस को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना है।
कार्यक्रम का संचालन धनंजय कुमार मिश्रा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ द्वारा किया गया। सचिव द्वारा उपस्थित पराविधिक स्वयं सेवकों को उनके कर्तव्यों के बाबत जानकारी देते हुये यह बताया कि उन्हें किस तरह से कार्य करना है। सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि सभी पराविधिक स्वयं सेवक आगामी आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में आम जन को जागरूक करे कि पक्षकार आपसी सुलह समझौते के आधार पर न्यायालय में चल रहे वादों का निस्तारण करा सकते है, जिसके लिए किसी प्रकार का शुल्क देय नहीं है।
प्रशिक्षण कार्यशाला के इस मौके पर श्री आशीष कुमार राय, चीफ एल0ए0डी0सी0, श्री प्रवीण कुमार सिंह, डिप्टी चीफ एल0ए0डी0सी0, यादव संदीप कुमार एवं श्री अतुल कुमार राय, असिस्टेट एल0ए0डी0सी0 व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के वरिष्ठ सहायक श्री पुनीत कुमार यादव उपस्थित रहे।