जॉर्ज की नन्ही बेटी ने पूछा- मेरे डैडी क्यों चले गए ? वीडियो कॉल के दौरान उलझन में पड़े उपराष्ट्रपति
ह्यूस्टन। आखिरकार अमेरिकी अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड का अंतिम संस्कार संपन्न हुआ। लेकिन उनकी अंतिम क्रिया के दौरान फ्लॉयड की छह वर्षीय बच्ची के एक मासूम सवाल ने उपराष्ट्रपति जो बिडेन को उलझन में डाल दिया। मामला उस वक्त का है, जब बिडेन वीडियो कॉल के जरिए फ्लॉयड के परिवार को अपनी संवदेना व्यक्त कर रहे थे। तब बच्ची ने उनसे एक मासूम सा सवाल पूछा कि ‘हमारे डैडी क्यों चले गए’ ? उपराष्ट्रपति ने फ्लॉयड की बेटी को यह समझाते हुए उसके आंसू पोछने की कोशिश की किसी भी बच्चे को ऐसा सवाला नहीं पूछना चाहिए जो कि बहुत सारे अश्वेत बच्चों को अपनी पीढि़यों के लिए पूछना पड़ा है। उन्होंने कहा कि तुम्हारे पिता के साथ न्याय होगा। अमेरिका में नस्लीय हिंसा का रास्ता साफ होगा। उन्होंने कहा ऐसा तब होगा जब 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार की राष्ट्रपति बनेगा।
नम आंखों से जॉर्ज के परिवार और दोस्तों ने अंदिम विदाई दी
नम आंखों के साथ दक्षिणी अमेरिकी शहर ह्यूस्टन में अफ्रीकी अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड का अंतिम संस्कार किया गया। जॉर्ज फ्लॉयड अपने जीवन के अधिकांश समय ह्यूस्टन में ही बिताया था। यह उसका गृह जनपद था। उसके बचपन का अधिकांश समय यहीं बीता। बता दें कि 25 मई को मिनियापोलिस में अमेरिकी पुलिस की हिरासत में उसकी दर्दनाक मौत हुई थी।
मंगलवार को सुबह 11 बजे घर के लोगों ने शव को अंतिम संस्कार की प्रक्रिया एवं रश्में पूरी की और अंतिम प्रार्थन की। इस दौरान घर में निकट संबंधियों एवं मित्रों के आने का ताता लगा रहा। नम आंखों से जॉर्ज के परिवार और दोस्तों ने उनके साथ बिताए जीवन के 46 वर्षों की यादों को बारी-बारी से साझा किया। इस दौरान परिवार का माहौल गमगीन हो गया। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बिडेन ने वीडियो के माध्यम जॉर्ज के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
चर्च में जॉर्ज फ्लॉयड का शव अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया
ह्यूस्टन शहर के एक चर्च में जॉर्ज फ्लॉयड का शव अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। इस दौरान श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। मास्क और ग्लव्स में पहुंचे पांच हजार से ज्यादा लोगों ने अफ्रीकी-अमेरिकी फ्लॉयड के अंतिम दर्शन किए और श्रद्धांजलि दी। एक पुलिस अधिकारी द्वारा करीब नौ मिनट तक घुटने से उनकी गर्दन को दबाए जाने का वीडियो सामने आया था। इसके बाद पूरे अमेरिका में कोरोना महामारी के बीच कई दिनों तक बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और हिंसा हुई थी। इस हत्याकांड के विरोध में अब भी कई शहरों में विरोध प्रदर्शन जारी है।