लंदन। ब्रिटेन में गृह मंत्री प्रीति पटेल ने नस्लवादी टिप्पणी करने वाले विपक्षी लेबर पार्टी के सांसदों को आड़े हाथों लिया है। कहा है कि वह अपनी विरासत को लेकर की गई टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेंगी। यह पूरी तरह से नस्लवादी सोच से कही गई बात है। लेबर पार्टी के सांसदों ने पटेल की भारतीय विरासत की ओर इशारा करते हुए उन्हें गैसलाइट कालीन सोच वाली कहा था। ब्रिटेन में गैसलाइट का इस्तेमाल बीती सदी की शुरुआत में या उससे पहले होता था।
भारतीय मूल की पटेल के अनुसार उन्हें इस नस्लीय टिप्पणी का सामना हाल ही में हाउस ऑफ कॉमंस में करना पड़ा। यह चर्चा अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के विरोध में ब्रिटेन में हो रहे विरोध प्रदर्शनों और हिंसा पर हो रही थी। इस चर्चा के बाद लेबर पार्टी के 12 सांसदों, जिनमें भारतीय मूल के वीरेंद्र शर्मा, टान ढेसी, प्रीत कौर गिल, वेलेरी वाज, सीमा मल्होत्रा और नाडिया व्हिटहोम शामिल हैं, ने पटेल को पत्र देकर उनसे असहमत होने की बात कही। इसी में गैसलाइट काल का उल्लेख किया गया।
बचपन से नस्लीय टिप्पणी सुनती आईं हैं प्रीति पटेल
प्रतिक्रिया में पटेल ने कहा है कि वह इस तरह की टिप्पणी पर चुप रहने वाली नहीं है। वह बचपन से इस तरह की नस्लीय टिप्पणी सुनती और उनका जवाब देती आई हूं लेकिन विचलित नहीं हुई। कहा है कि वह गुजराती माता-पिता की संतान हैं जिन्हें यूगांडा से वहां के तानाशाह इदी अमीन के भारत विरोधी अभियान में निकाला गया था। तब परिवार ब्रिटेन आया और यहां पर उसने अपने पैर जमाए।
शादी के बाद लोगों ने पटेल सरनेम हटाने की सलाह दी, क्योंकि इससे तरक्की में रुकावट आने का अंदेशा था लेकिन उन्होंने (प्रीति ने) इसे स्वीकार नहीं किया और पटेल सरनेम बनाए रखा। प्रीति पटेल ने कहा है कि वह चुप होने या विचलित होने वाली नहीं हैं। किसी भी विरोध प्रदर्शन के साथ पुलिस वही करेगी, जो उचित और न्यायसंगत होगा।