नई दिल्ली। टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को तकनीकी तौर पर मात देना और मानसिक तौर पर उन्हें नीचे लाना काफी मुश्किल है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व चेयरमैन ऑफ सेलेक्टर दीलीप वेंगसरकर विराट कोहली के धैर्य को पहले ही परख चुके थे। वेंगसरकर साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया में खेले गए इमर्जिंग प्लेयर्स टूर्नामेंट के दौरान ही विराट कोहली से प्रभावित हो चुके थे और इसके बाद ही विराट को भारतीय क्रिकेट टीम में जगह मिली थी।
उस वक्त सेलेक्शन कमेटी के हेड रहे वेंगसरकर ने कहा कि उन्होंने खिलाड़ियों को मौका देने की अपनी रणनीति के अनुसार कोहली को चुनने का फैसला किया, जिनके पास जल्द ही सीनियर टीम के लिए खेलने की बेहतर संभावना है। उन्होंने कहा कि जब ऑस्ट्रेलिया में इमर्जिंग प्लेयर्स टूर्नामेंट खेला गया था तब मैं सेलेक्शन कमेटी का चेयरमैन था। हमने एक निश्चित वक्त पर फैसला किया कि हम उन खिलाड़ियों का चयन करेंगे जो बेहतर प्लेयर थे और जो बहुत जल्द ही भारत के लिए खेलेंगे और खास तौर पर अंडर 23 खिलाड़ियों को। इसके बाद ही हमने विराट कोहली का चयन टीम इंडिया के लिए किया। वेंगसरकर ने स्पोर्ट्सकीड़ा से बात करते हुए ये कहा।
उन्होंने बताया कि उस टूर्नामेंट के पहले ही मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम ने 240-250 के आसपास रन बनाए। विराट को ओपनिंग करने को कहा गया था और उन्होंने नाबाद 123 रन की पारी खेली थी। उनकी इस पारी ने मुझे बहुत ज्यादा प्रभावित किया था और मैंने सोचा था कि इस खिलाड़ी को भारतीय टीम में लाने की जरूरत है क्योंकि वो मानसिक तौर पर भी पूरी तरह से परिपक्व थे। इसके बाद हमने उनका चयन किया और फिर जो हुआ वो आपके सामने है और इतिहास है। विराट कोहली को 19 साल की उम्र में श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया था। वहीं उन्होंने 5 मैचों में इमर्जिंग प्लेयर्स टूर्नामेंट के दौरान 51 की औसत से 204 रन बनाए थे।