आजमगढ़ : फसल में नुकसान से उपज में कमी होने पर योजना में प्राविधान के अनुसार क्षतिपूर्ति देय होगी – जिला कृषि अधिकारी

आजमगढ़ 27 जुलाई– जिला कृषि अधिकारी डाॅ0 उमेश कुमार गुप्ता ने बताया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजनान्तर्गत प्राकृतिक आपदाओं जैसे- सूखा, सूखे की अवधि, बाढ़, ओला, भूस्खलन, तूफान, चक्रवात, जलभराव, आकाशीय बिजली से उत्पन्न आग एवं रोके न जा सकने वाले अन्य जोखिमों, रोगो/कृमियों से क्षति की स्थिति के कारण बीमित फसल में नुकसान से उपज में कमी होने पर योजना में प्राविधान के अनुसार क्षतिपूर्ति देय होगी।
उन्होने बताया कि जनपद में प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजनान्तर्ग में धान, मक्का एवं अरहर फसल आच्छादित है एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजनान्तर्ग विकास खण्ड फूलपुर एवं अहरौला में मिर्च फसल आच्छादित है। धान की फसल हेतु 62258 रू0 बीमित धनराशि तथा 1245 रू0 प्रीमियम की धनराशि (प्रति हे0), मक्का की फसल हेतु 33246 रू0 बीमित धनराशि तथा 665 रू0 प्रीमियम की धनराशि (प्रति हे0), अरहर की फसल हेतु 69078 रू0 बीमित धनराशि तथा 1381 रू0 प्रीमियम की धनराशि (प्रति हे0) तथा मिर्च की फसल हेतु 50000 रू0 बीमित धनराशि तथा 2500 रू0 प्रीमियम की धनराशि (प्रति हे0) है।
ऐसे ऋणी कृषक जिन्होने किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा ऋण प्राप्त किया है उनका बीमा बैंक शाखा द्वारा कर दिया जायेगा। इसमें प्रतिभाग न करने के लिए दिनांक 24 जुलाई 2020 तक कृषक द्वारा योजनान्तर्गत प्रतिभाग नही करने के सम्बन्ध में लिखित रूप से सम्बन्धित बैंक शाखा को अवगत कराना होगा। गैर ऋणी कृषक स्वैच्छिक आधार पर अपने निकटतम जन सेवा केन्द्र (सी0एस0सी0)/बैंक शाखा/बीमा कम्पनी के अधिकृत ऐजेण्ट के माध्यम से अपनी अधिसूचित फसल (धान, मक्का एवं अरहर) का बीमा नियमानुसार प्रीमियम की धनराशि जमा कर बीमा करा सकते है। फसल बीमा कराने हेतु कृषक अपना आधार नम्बर, मोबाइल नम्बर, बैंक खाते का विवरण आदि अपने साथ रखे। फसल बीमा कराने की अन्तिम तिथि 31 जुलाई 2020 निर्धारित है। जनपद हेतु वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 तक एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी आफ इण्डिया लि0 को नामित किया गया है। बीमा कम्पनी का टोल फ्री नं0-1800116515 पर सम्पर्क कर अधिक-अधिक से जानकारी प्राप्त कर सकते है।