लखनऊ के इंदिरानगर सेक्टर-19 निवासी रिटायर्ड एचएएल कर्मचारी राजेश कुमार कुरील डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गए। पहले साइबर ठगों ने खुद को दिल्ली सीबीआई अधिकारी बताकर उन्हें झांसे में लिया। फिर आतंकवादी संगठनों से संबंध होने की बात कहकर राजेश को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। चार घंटे डिजिटल अरेस्ट में रखा और 23 लाख रुपये वसूल लिए। साइबर क्राइम पुलिस ने शुक्रवार को रिपोर्ट दर्ज की है। राजेश के मुताबिक, 16 मार्च को उनके पास चार अनजान नंबरों से व्हाट्सएप वीडियो कॉल आईं। कॉल करने वालों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और कहा कि दिल्ली में उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता खोला गया है। इसमें कई संदिग्ध लोग लेनदेन कर रहे हैं। इस नकारने पर उनका संबंध आतंकी संगठनों से होना बताया। ठगों ने कहा कि आपको दिल्ली सीबीआई गिरफ्तारी करेगी। बचना है तो गोपनीय जांच में सहयोग करना पड़ेगा। राजेश को घबराता देखकर ठगों ने पूछताछ के बहाने उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया। राजेश से कहा कि तुम्हारे बैंक आफ बड़ौदा की मुंशीपुलिया शाखा में जमा 23 लाख रुपये सीबीआई जांच अधिकारी चुनचू मनोज के खाते में ट्रांसफर करने होंगे। जांच में एक घंटा लगेगा, इसके बाद रकम दोबारा खाते में जमा कर दी जाएगी। रिटायर्ड एचएएल कर्मचारी ने शाम चार बजे 23 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद ठगों ने कॉल काट दी। एक घंटे बाद भी राजेश को रकम वापस नहीं मिली तब ठगी के बारे में पता चला।
साइबर थाना इंस्पेक्टर ब्रजेश यादव के अनुसार जांच में सामने आया है कि ठग कंबोडिया गिरोह के हैं। यह गिरोह कुछ ही घंटे में पीड़ितों का खाता खाली कर देता है। गिरोह से जुड़े गुर्गों के विषय में जानकारी जुटाई जा रही है। अनजान नंबर से कॉल कॉल करने वाला शख्स अगर कहता है कि आपके नाम से पार्सल बुक है। कस्टम विभाग ने पकड़ा है। केस दर्ज कर कर कार्रवाई की जा रही है… तो तुरंत सतर्क हो जाएं। ये कॉल साइबर ठग की होती है। तत्काल पुलिस से शिकायत करें।