*TV20 NEWS || AZAMGHARH : ईंट भट्ठा व्यापारियों पर जीएसटी बकाया, 28-29 अप्रैल तक जमा करने के निर्देश,राज्य कर विभाग की कार्रवाई तेज, ईंट भट्ठों की रेकी शुरू

आजमगढ़ 27 अप्रैल– श्रीराम सरोज संयुक्त आयुक्त (कार्यपालक) राज्य कर, आजमगढ़ सम्भाग, आजमगढ़ ने ईट भट्ठा व्यापारियों द्वारा दी जाने वाली कर की राशि पूरे जी0एस0टी0 पीरियड मंे विगत वर्षो में और वैट पीरियड की तुलना में पूरे वर्ष 2024-25 प्रत्येक माह में आधा-तिहाई व नगण्य दिये जाने, रिटर्न न भरे जाने व उत्पादन व बिक्री छिपाये जाने इत्यादि स्थिति का संज्ञान लेते हुए मा0 मुख्यमंत्री जी, श्रीमान् प्रमुख सचिव राज्य कर, उ0प्र0 शासन एवं श्रीमान् आयुक्त, राज्य कर उ0प्र0 लखनऊ के निर्देश पर पूरे प्रदेश में ईट भट्ठा व्यापारियों के व्यापार स्थल पर जाकर वस्तुस्थिति के सम्बन्ध में रेकी कराये जाने के क्रम में शासन व वाणिज्य कर मुख्यालय के निर्देश पर सभी ईट भट्ठा व्यापारियों से अपील किया है कि जिन-जिन ईट भट्ठा मालिकांे/साझीदारों पर बकाया पेण्डिंग है, वह तत्काल इसी माह दिनांक-28 अप्रैल 2025 व 29 अप्रैल 2025 को जमा करे दें और ज्यादा बकाया राशि हो तो कुछ मई की शुरुआत में जमा कर दें। इस दौरान ईट भट्ठा मालिकों एवं साझीदारों से बाचतीत से बड़ी मात्रा में बकाया की राशियां प्रकाश में आयी हैं और जमा कर देने का आश्वासन भी दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि आजमगढ़, मऊ व बलिया के सभी तहसीलों के उप-जिलाधिकारी साहबान से उक्त बकाया की वसूली के सम्बन्ध में वार्ता की गयी तथा वसूली की योजना बनाई गई, जिसके तहत मई माह में श्री श्रीराम सरोज, सयुक्त आयुक्त (कार्यपालक) व खण्डों के अधिकारी/कर्मचारी के साथ तहसील पहुॅच कर उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं संग्रह अमीन को ईट भट्ठा मालिको के व्यापार/निर्माण स्थल के साथ-साथ उनके निवास पर जाकर वसूली किये जाने की योजना बनाई गई है।
ईट भट्ठा के बकायेदारो ंके साथ-साथ जो अन्य बकायेदार हैं, उनसे भी उनके व्यापार स्थल व निवास स्थान पर जाकर वसूली की कार्यवाही की जायेगी। बकाया की धनराशि जमा नहीं करने पर अर्थदण्ड की कार्यवाही व विधिक/विहित उत्पीडनात्मक कार्यवाही भी की जायेगी।
उन्होंने वाणिज्य कर विभाग के सभी बकायेदारों से अपील किया है कि सामाजिक व किसी भी प्रकार की प्रतिष्ठा को बचाने के लिये, अर्थदण्ड की कार्यवाही से बचने के लिये , ब्याज की राशि बढ़ने से बचने के लिये व विहित उत्पीड़नात्मक कार्यवाही से बचने के लिये कार्यालय पहॅुच कर व बकाया की वास्तविक राशि को जान/समझ करके जमा कर दें।