पशुपालन के क्षेत्र में ढाॅचागत विकास फण्ड का उद्यमी उठाये लाभ

 

आजमगढ़ 30 सितम्बर– मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ0 वीके सिंह ने बताया है कि आत्म निर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत पशुपालन के क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास फण्ड के तहत दुग्ध प्रसंस्करण, मांस प्रसंस्करण, पशु आहार तथा अन्य मूल्य सम्वर्धन से सम्बन्धित इकाई की स्थापना के लिए सरकार ने पशुपालन अवसंरचना विकास कोश की घोषणा की है। यह योजना आगामी तीन वर्षो के लिए लागू की गई है। इस अवधि में आवंटित धनराशि को वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस सम्बन्ध में मत्स्य, पशुपालन, डेयरी मंत्रालय भारत सरकार की ओर से गाइड लाइन भी जारी की गई है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि पशुपालन अवसंरचना विकास कोष के अन्तर्गत डेयरी प्रासेसिंग के क्षेत्र में नई इकाईयों की स्थापना के साथ-साथ डेयरी प्रासेसिंग यूनिट को सुदृढ़ और पैकेजिंग सम्बन्धी कार्य कराये जा सकते हैं। पशुपालन के क्षेत्र में इस कोष से मीट व्यवसाय व पशु आहार उत्पादन के सम्बन्ध में योजना के दिशा निर्देशानुसार पात्र व्यक्ति या संस्था आवेदन कर सकते हैं। योजना के अन्तर्गत किसान उत्पादक संगठन ,निजी कम्पनिया,ॅ निजी व्यवसायी धारा-8 के अन्तर्गत रजिस्टर्ड कम्पनी एवं एमएसएमईएस के अन्तर्गत पंजीकृत उद्योग पात्र होगें। पात्र व्यक्ति या संस्थायें अधिक निवेश के प्रस्ताव को सिडवी द्वारा विकसित उद्यमी मित्र पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। योजना से सम्बन्धित जानकारी के लिए विकास भवन स्थित पशु पालन विभाग से सम्पर्क किया जा सकता है।
पशु पालन अवसंरचना विकास कोष के तहत मूल ऋण राशि के लिए 02 वर्ष की ऋण स्थगन अवधि और उसके पश्चात 6 वर्ष के लिए पुर्नभुगतान अवधि प्रदान की जायेगी। इस प्रकार पुर्नभुगतान अवधि कुल 08 वर्ष की होगी। पात्र व्यक्ति/संस्था को 03 प्रतिशत ब्याज उपादान का लाभ भी अनुमन्य होगा।