*TV20 NEWS || AZAMGHARH : साइबर अपराधों से रहे सजग, जानकारी ही सही बचाव है*

प्रेस नोट

दिनांक-07.05.2025
साइबर सेल / साइबर क्राइम थाना आजमगढ़।

साइबर अपराधों से रहे सजग, जानकारी ही सही बचाव है।

श्रीमान पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 के आदेशानुसार साइबर जागरूकता अभियान के क्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री हेमराज मीना के निर्देशन में अपर पुलिस अधीक्षक/नोडल अधिकारी साइबर क्राइम श्री विवेक त्रिपाठी के नेतृत्व में जनपद के समस्त थाना क्षेत्र में छात्र—छात्राओं एवं आम जनमानस को साइबर क्राइम से संबंधित बचाव की जानकारी दी गई।
आज दिनांक-07.05.2025 को सनबीम स्कूल आजमगढ़ में साइबर क्राइम के प्रति जागरूता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें छात्र—छात्राओं को सोशल मीडिया के उपयोग के साथ-साथ क्यूआर कोड एवं ई-वॉलेट से होने वाले साइबर क्राइम से बचाव के बारे में संपूर्ण जानकारी दी गई। कार्यक्रम में प्रभारी साइबर सेल उ0नि0 अबुशाद अहमद, उ0नि0 योगेन्द्र प्रसाद यादव साइबर क्राइम थाना रानी की सराय,हे0का0 ओमप्रकाश जायसवाल, का0 विकास कुमार, का0 रामाश्रय यादव व महिला आरक्षी संज्ञा उपस्थित रहे।
जागरूकता कार्यक्रम में प्रभारी साइबर सेल एवं साइबर सेल /साइबर क्राइम थाना के कर्मियों द्वारा बताया गया कि साइबर अपराध के शिकार होने से बचने के लिए मोबाइल और कम्युनिकेशन गैजेट पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सोशल साइट्स/ऐप के उपयोग से पहले उसकी प्राइवेसी सेटिंग कर प्राईवेसी लगायें, अनजान नम्बर से आये विडियों काल न उठाये, ​अनजान लिंक पर क्लिक न करें, सोशल साइट्स के पासवर्ड को नियमित तौर पर बदलते रहें। मोबाइल नम्बर को कभी भी अपनें किसी भी सोशल साइट्स का पासवर्ड नहीं बनाना चाहिए। मोबाइल पर किसी को भी अपने एटीएम/क्रेडिट कार्ड और बैंक सम्बंधित कोई भी जानकारी न दे।
अपर पुलिस अधीक्षक यातायात/नोडल अधिकारी साइबर क्राइम का जनपदवासीयों से साइबर क्राइम से बचाव हेतु अपील:—
— पिछले कुछ दिनों में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर साइबर क्राइम अपराधियों द्वारा बहुतायत में इस प्रकार का अपराध किया जा रहा है, जिसमें उनके द्वारा आपको फोन कर कहा जाता है कि आपका बेटा, बेटी या परिजन को किसी आपराधिक मामले में गिरफ्तार किया गया है तथा उन्हे छोड़नें के नाम पर पैसों की मांग की जाती है। अपराधी द्वारा अपने को पुलिस विभाग का अधिकारी या सीबीआई का अधिकारी बताया जाता है। यदि ऐसा कोई काल आपको आता है तो बिना घबराये सबसे पहले नजदीकी पुलिस थाने पर इसकी शिकायत दर्ज करायें और किसी भी स्थिति में कोई पैसा न भेजें।
— कोई भी बैंक अधिकारी फोन पर कभी भी एटीएम, खाते व क्रेडिट कार्ड से संबंधित जानकारी नहीं मांगता। इसलिए कभी भी फोन काल पर बैंक से संबंधित जानकारी शेयर न करें।
— क्यूआर कोड पैसा देनें के लिए होता है क्यूआर कोड स्कैन करनें पर पैसा कभी भी नहीं मिलता।
— किसी भी कंपनी का कस्टमर केयर नंबर गूगल पर सर्च न करें बल्कि उसकी आधिकारिक वेबसाइट से ही लें, क्योंकि साइबर ठगों ने अपने मोबाइल फोन नंबरों को विभिन्न आनलाइन कंपनियों के कस्टमर केयर के नाम से गूगल पर अपडेट कर रखा है।
किसी भी प्रकार का साइबर क्राइम होनें पर तत्काल टोल फ्री नम्बर—1930 या वेवसाइट—www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।