झांसी। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के आतंकी अड्डों पर वायुसेना की एयर स्ट्राइक के बाद भारतीय आर्मी की तरफ से कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने नारी शक्ति का संदेश देते हुए पूरी जानकारी दी। इसके बाद से सोफिया कुरैशी छा गईं। सोशल मीडिया के ट्रेंड से लेकर लोगों की जुबान तक पर मुस्लिम महिला सैन्य अधिकारी का ही नाम है। उनका संबंध झांसी से भी है। उन्होंने यहां पर पांचवीं क्लास तक की पढ़ाई की है। इतना ही नहीं, झांसी में तैनाती के दौरान उनका मेजर पद पर प्रमोशन भी हुआ।
रानी लक्ष्मीबाई की धरती झांसी से सोफिया कुरैशी का खास नाता है। बुंदेलखंड की धरती में जन्मीं सोफिया का परिवार एमपी बॉर्डर पर नौगांव और झांसी में रहता है। कर्नल सोफिया के बड़े ताऊ का परिवार झांसी कैंट के भट्टागांव में रहता है। उन्होंने पांचवीं क्लास तक की पढ़ाई भी यहीं पर रहकर की है। इसके बाद उनके पिता का ट्रांसफर होने पर गुजरात के बड़ौदा चले गए।
पाकिस्तान में टेरर कैम्प पर भारतीय एयरफोर्स के हमले के बाद उनके यहां जश्न का माहौल है। सोफिया के ताऊ के परिवार ने कहा कि घर की बेटी ने आज गर्व से उनका सिर ऊंचा कर दिया। दुनिया की हर बेटी को उनकी तरह होना चाहिए। उनकी चचेरी बहन शबाना ने कहा कि सोफिया को देख कर दिल गर्व से भर गया। आंखों में खुशी के आंसू आ गए थे। उन्होंने देश के साथ ही पूरे परिवार का मान बढ़ा दिया है।
सोफिया कुरैशी की भतीजी जोया ने बताया कि वह भी बड़ी होकर खाला की तरह ही बनना चाहती हैं। भारतीय मुसलमानों का भी सर गर्व से ऊंचा कर दिया है। भारतीय मुस्लिम भी देश से उतना ही प्रेम करते हैं जितना कोई और करता है। हम सब केवल भारतीय हैं। परिवार के सदस्यों ने कहा कि पाकिस्तान को पूरी तरह मिट्टी में मिला देना चाहिए।
साल 1975 में जन्मीं सोफिया का शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) के जरिए भारतीय सेना में चयन हुआ। लेफ्टिनेंट बनने के बाद पदोन्नति मिलने पर कैप्टन हो गईं। इसके बाद झांसी में तैनात रहीं और यहां उनका मेजर पद पर प्रमोशन हो गया। इसके बाद गांधीनगर में लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर पदस्थ रहीं और फिर वह कर्नल हो गईं। सोफिया के पति भी सेना में अफसर हैं। उनके दादा और ताऊ भी सेना से जुड़े रहे।