जिलाधिकारी राजेश कुमार ने बताया है कि कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ यथा सम्भव सुपर एसएमएस का प्रयोग किया जायेगा और यदि पराली/फसल अवशेष जलाने की घटना पायी जायेगी तो कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ सुपर एसएमएस का प्रयोग अनिवार्य कर दिया जायेगा। सुपर एसएमएस के विकल्प के रूप में अन्य फसल अवशेष प्रबन्धन के यंत्र जैसे -स्ट्रा रिपर, स्ट्रा रेक, बेलर, मल्चर, पैडी स्ट्रॉ चापर, श्रब मास्टर, रोटरी स्लेशर, रिवर्सिबुल एमबी प्लाऊ का भी प्रयोग कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ किया जा सकता है, जिससे खेत में फसल अवशेष के बण्डल बनाकर जलाने से इतर अन्य उपयोग अथवा काटकर मिट्टी में मिलाया जा सके। इसके प्रबन्धन की जिम्मेदारी कम्बाईन हार्वेस्टर संचालक की होगी। कटाई के दौरान उपरोक्त समस्त व्यवस्था आप स्वयं सुनिश्चित करायेंगे।
उन्होने कहा कि यदि कोई किसान बिना पराली हटाये रबी फसल की बुवाई जीरो टिल सीड ड्रील, हैपी सीडर या सुपर सीडर का प्रयोग कर सीधी बुवाई करना चाहता है अथवा डीकम्पोजर का प्रयोग कर पराली प्रबन्धन करना चाहता है तो ऐसे किसानों से इस आशय का घोषणा-पत्र समस्त कम्बाईन हार्वेस्टर के स्वामियों द्वारा ही अनिवार्य रूप से प्राप्त किया जायेगा कि उसके द्वारा पराली नहीं जलायी जायेगी और रबी की बुवाई के समय उपरोक्त उल्लेखित यंत्रों अथवा डीकम्पोजर का प्रयोग किया जायेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि उपरोक्त व्यवस्था का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी कम्बाईन हार्वेस्टर चालक की होगी। उपरोक्त का अनुपालन न किये जाने एवं निर्देशों का उल्लंघन पाये जाने पर विधिक कार्यवाही की जायेगी।