*TV 20 NEWS || AZAMGHARH : छात्रवृत्ति योजना: शिक्षण संस्थानों को प्रोफाइल लॉक और सत्यापन के निर्देश

आजमगढ़ 19 अगस्त– जिलाधिकारी श्री रविन्द्र कुमार ने बताया है कि प्ब्।त्.छंजपवदंस प्देजपजनजम व ICAR-National Institute of High Security Animal Diseases, आनन्द नगर, भोपाल (म०प्र०) की रिपोर्ट नं० NIHSAD/NABI/AI/2025/26/002 दिनांक 10 अगस्त 2025 द्वारा ग्राम सेहौरा, तहसील बिलासपुर (किसान का नाम श्री करनदीप सिंह, कप्तान पोल्ट्री फार्म), जनपद रामपुर के कुक्कुट पक्षियों में H-5N-1 एवियन इन्फ्लूएन्जा वायरस के पॉजिटव होने की पुष्टि की गई है। एवियन इन्फ्लूऐन्जा (बर्ड फ्लू) बीमारी से बचाव हेतु आवश्यक तैयारियां करने एवं सावधानियां/सतर्कता बरतने के सम्बन्ध में कार्यवाही किए जाने का निर्णय लिया गया है।

जिलाधिकारी ने समस्त उप मुख्य चिकित्साधिकारी/पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया है कि जनपद स्तरीय टास्कफोर्स की बैठक कराते हुए एवियन इन्फ्लूऐन्जा (बर्ड फ्लू) बीमारी से बचाव हेतु आवश्यक सतर्कता/सावधानी सुनिश्चित की जाए। पशुपालन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा कुक्कुट पालकों से लगातार सम्पर्क स्थापित किया जाए, जिससे पक्षियों में किसी भी असामयिक बीमारी एवं अत्याधिक संख्या में अचानक पक्षियों की मृत्यु की दशा में तत्काल विभाग को सूचना मिल सके। जनपद में जहाँ अधिक कुक्कुट इकाईयाँ हैं, वहाँ पर विशेष सतर्कता बरती जाए। उन्होने कहा कि पशुपालन विभाग के अधिकारी, वन विभाग के अधिकारियों के साथ लगातार सम्पर्क में रहें, जिससे वन क्षेत्रों में किसी भी प्रजाति के पक्षियों की आकस्मिक एवं असाधारण मृत्यु के मामले में तत्काल कार्यवाही की जा सके। पोल्ट्री एवं प्रवासी पक्षियों का गहनतापूर्वक एवं गम्भीरतापूर्वक सर्विलॉन्स किया जाए, इस हेतु बैकयार्ड पोल्ट्री, पोल्ट्री फार्म, पोल्ट्री दुकान/बाजार, प्रवासी पक्षियों के मार्ग, वन्य जीव अभ्यारण्य, पक्षी अभ्यारण्य, नेशनल पार्क, चिड़ियाघर, जलाशय, अन्तर्राष्ट्रीय/अन्तर्राज्यीय सीमा से लगे क्षेत्रों का लगातार सर्विलॉन्स किया जाए, सीरो सर्विलान्स के कार्य को प्रभावी तरीके से जारी रखा जाए। यदि कहीं पर पक्षियों की अस्वाभाविक मृत्यु होती है, तो तत्काल सूचित करते हुए, मृत पक्षी को परीक्षण हेतु नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी ऐनिमल डिजीजेज (एन०आई०एच० एस०एन०डी०) प्रयोगशाला, भोपाल (म०प्र०) तथा सीरम सैम्पल एवं नेजल/क्लोएकल/ट्रेकियल स्वैब सैम्पल रीजनल डिजीज डायग्नोसिस लेबोरेटरी (आर०डी०डी०एल०), आई०वी०आर०आई०, बरेली उत्तर प्रदेश को भेजा जाए। यह भी सुनिश्चित कराया जाए कि सतत निगरानी की कार्यवाही के साथ अधिक से अधिक सैम्पल लैब को परीक्षण हेतु प्रेषित किए जाएं।

जिलाधिकारी ने निर्देशित किया है कि भारत सरकार द्वारा निर्गत Action Plan for Prevention, Control and Containment of Avian Influenza (संशोधित-2021) एवं निर्धारित प्रोटोकाल का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। जनपद में पालतू पक्षियों बर्ड फ्लू सर्विलान्स एवं मॉनिटरिंग को निरन्तर बनाए रखा जाए एवं पक्षियों के पर्याप्त क्लोएकल, ओरो-फेरेन्जियल एवं सीरम सैम्पल जांच हेतु कैडरेड, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसन्धान संस्थान, इज्जत नंगर बरेली को भेजना सुनिश्चित किया जाए। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा प्रकरण की जानकारी निदेशक रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र/प्रमुख सचिव, पशुधन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन/जिला मजिस्ट्रेट एवं राजस्व विभाग को ईमेल द्वारा तत्काल दी जाए। संक्रमित/प्रभावित प्रजातियों या लक्षण वाले पक्षियों/कुक्कुट या किसी अन्य प्रजाति को अन्य जानवरों या मनुष्यों में संक्रमण को रोकने के लिए निर्दिष्ट संगरोध क्षेत्र में स्थानान्तरित किया जाए। संक्रमित बाडों से स्वस्थ बाड़ों में कर्मचारियों, पशु चिकित्सकों और श्रमिकों के आवागमन पर प्रतिबन्ध लगाया जाए।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि जैव सुरक्षा और कीटाणुनाशन को मजबूत करने हेतु स्थानीय प्राधिकारियों (पशुपालन और वन एवं वन्यजीव विभाग) को सतर्क किया जाए, जहां मृत्यु की सूचना मिली है। प्रभावित पक्षियों/कुक्कुट की प्रजातियों से नमूने (नाक के स्वाब) एकत्र करके एवियन इन्फ्लूएन्जा वायरस की पुष्टि और स्ट्रेन की पहचान के लिए ICAR-NIHSAD, भोपाल को भेजा जाए। इसके अतिरिक्त, संक्रमण के संभावित स्रोतों की पहचान करने के लिए पर्यावरणीय नमूने लिए जाएं, जिसमें भोजन के सैम्पल भी सम्मिलित हों। प्रभावित क्षेत्रों में मुर्गी पालन के साथ-साथ बत्तखों की निगरानी को बढ़ाने की आवश्यकता है, साथ ही सक्रिय निगरानी के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ गीले पक्षी बाजारो, बत्तख फार्मों के रात्रि आश्रयों, हैचरी आदि से नमूने एकत्र करना सुनिश्चित किया जाए। एवियन इन्फ्लूऐन्जा की रोकथाम, नियन्त्रण और रोकथाम के लिए कार्य योजना (संशोधित 2021) के अध्याय 6 के अनुसार दिशा निर्देशों का पालन पोल्ट्री और मनुष्यों में रोग के प्रसार को रोकने के लिए किया जाए। पशुजन्य जोखिम प्रबन्धन हेतु सम्बन्धित कर्मचारियों को दस्ताने, मास्क और सुरक्षात्मक सूट सहित, उचित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) से लैस किया जाए।

उक्तानुसार दिये गये निर्देशों पर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करायें। इस कार्य में किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए।

SLOT GACOR
Paito SDY Lotto
Slot