*TV20 NEWS || AZAMGHARH : कृषक परिवार गोबर व गोमूत्र के माध्यम से प्राकृतिक कृषि की ओर अग्रसर होंगे, तो गोवंश निराश्रित भी नहीं होगें- मा0 अध्यक्ष*

सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, आजमगढ़।
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मा0 अध्यक्ष, उ0प्र0 गौ सेवा आयोग ने सर्किट हाउस आजमगढ़ में किया प्रेस वार्ता

चारागाह भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराकर गोवंश के लिए चारा उत्पादन हेतु उपयोग में लाया जाएगा- मा0 अध्यक्ष

गोशालाओं में छायादार वृक्षों का किया जायेगा व्यापक वृक्षारोपण- मा0 अध्यक्ष

समस्त सम्बन्धित विभागों के समन्वय से गोशालाओं को बनाया जायेगा स्वावलम्बी- मा0 अध्यक्ष

सहभागिता योजनान्तर्गत कृषकों को रू0-50 प्रति गोवंश की दर से मासिक रू0-1500 दिया जाता है अनुदान- मा0 अध्यक्ष

कृषक परिवार गोबर व गोमूत्र के माध्यम से प्राकृतिक कृषि की ओर अग्रसर होंगे, तो गोवंश निराश्रित भी नहीं होगें- मा0 अध्यक्ष

आजमगढ़ 27 अगस्त– मा0 अध्यक्ष, उ0प्र0 गौ सेवा आयोग श्री श्याम बिहारी गुप्ता ने सर्किट हाउस आजमगढ़ में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि वर्तमान में प्रदेश की लगभग 7717 गोशालाओं में 12 लाख 58 हजार गोवंश संरक्षित हैं। इन गोशालाओं को प्रशिक्षण केन्द्रों के रूप में विकसित कर प्राकृतिक कृषि, बायो गैस ऊर्जा एवं पंचगव्य उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण और रोजगार मिल सके। उन्होने कहा कि मण्डल स्तरीय गोआधारित प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। उन्होने कहा कि चारागाह भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराकर उसे गोवंश के लिए चारा उत्पादन हेतु उपयोग में लाया जाएगा।

मा0 अध्यक्ष ने कहा कि आईजीएफआरआई झांसी के माध्यम से बहुवर्षीय और मौसमी चारे का उत्पादन और प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। गोशालाओं में छायादार वृक्षों (बरगद, नीम, पीपल, सहजन आदि) का वृक्षारोपण व्यापक रूप से किया जाएगा। उन्होने कहा कि सीमावर्ती जनपदों में गो-तस्करी रोकने हेतु एडीजी स्तर और जनपद स्तर पर एएसपी स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा। उन्होने कहा कि समस्त सम्बन्धित विभागों के समन्वय से गोशालाओं को स्वावलम्बी बनाया जाएगा। हरे चारे की अनिवार्यता और वास्तविक गो गणना का पारदर्शी सत्यापन सुनिश्चित किया जाएगा। गोमूत्र एवं गोबर आधारित स्थानीय प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना, बायोगैस प्लांट का विस्तार तथा किसानों को गोपालन हेतु प्रेरित करने के अभियान को तेज किया जाएगा। मॉडल किसानों के नवाचारों को अपनाने हेतु स्थलीय यात्राएं कराई जाएगी, जिससे स्थानीय स्तर पर जैविक/प्राकृतिक कृषि को बल मिले। पंचगव्य उत्पादों एवं जैविक/प्राकृतिक खेती से जुड़े कार्यों में स्थानीय युवाओं, महिला स्वयं सहायता समूहों/ जागरूक जनमानस की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।

मा0 अध्यक्ष ने कहा कि मनरेगा के तहत पक्का कैटिल शेड, गोमूत्र टैंक का निर्माण कराया जाये, जिससे कि गोमय, गोमूत्र का उपयोग कर गो आधारित प्राकृतिक खेती की जा सकती है एवं पंचगव्य उत्पादो का निर्माण किया जा सके। उन्होने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत कृषक यदि निराश्रित गोवंश को लेता है तो उसे रू0-50/प्रति गोवंश/प्रति पशु की दर से मासिक रू0-1500 सहायता अनुदान दिया जाएगा। अधिकतम् एक लामार्थी द्वारा 04 गोवंश लिए जा सकते है। जिससे लाभार्थि को 6 हजार रूपयें मासिक साहयार्थ अनुदान प्राप्त होगा।

उन्होने कहा कि वृहद गोसंरक्षण केन्द्र एवं अस्थायी गोआश्रय स्थल को संचालन स्वयं सेवी सहायता समूहों/एफ०पी0ओ०/कृषक संगठन/संस्थाओं कृषक द्वारा शासनादेश में निहित व्यवस्था के अनुसार एमओयू के माध्यम से किया जा सकता है। मा० प्रधानमंत्री जी द्वारा प्राकृतिक कृषि को अपनाने हेतु नेचुरल मिशन फॉर नेचुरल फार्मिंग प्रारम्भ किया गया है, जिसमें विभिन्न क्लस्टर्स के माध्यम से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे कि रसायन मुक्त/विषमुक्त भोजन आम जनमानस को प्राप्त हो सके। उन्होने बताया कि 25 करोड़ आबादी वाले उत्तर प्रदेश में लगभग 03 करोड़ कृषक परिवार हैं एवं गोवंश की सख्या लगभग 177.83 लाख है। मा० प्रधानमंत्री जी तथा मा० मुख्यमंत्री जी की अपेक्षा के अनुसार प्रत्येक कृषक परिवार के पास यदि एक गोवंश हो, तो लगभग 1.10 करोड़ अतिरिक्त गोवंश की आवश्यकता होगी। इस प्रकार कृषक परिवार गोबर व गोमूत्र के माध्यम से प्राकृतिक कृषि की ओर अग्रसर हो सकेंगे एवं गोवंश निराश्रित भी नहीं होगें। आयुर्वेद के ग्रन्थों में वर्णित स्वदेशी गोवंश के दुग्ध दही के सदुपयोग चिकित्सकीय उपयोग के माध्यम से पंचगव्य आयुर्वेद को सम्पूर्ण देश में प्रसिद्धि मिल रही है। गोवंश के नस्ल सुधार एवं स्वदेशी नस्ल संवर्धन के कार्यक्रम अति आवश्यक है।

मा0 अध्यक्ष ने कहा कि समस्त सम्बन्धित विभागों के सहयोग से गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करना, ग्राम आधारित सतत् विकास मॉडल तैयार किये जाएंगे। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग संकल्पबद्ध है कि गोसेवा केवल दायित्व नहीं, बल्कि सामाजिक जागरण का माध्यम बने। यह आंदोलन अब रूकने वाला नहीं-यह हर गांव, हर किसान और हर युवा/महिला स्वयं सहायता समूहों की साझेदारी से नई दिशा पायेगा।

इस अवसर पर मा0 उपाध्यक्ष गौ सेवा आयोग श्री जसवंत सिंह एवं श्री महेश कुमार शुक्ला, गौ सेवा आयोग के मा0 सदस्यगण श्री राजेश सिंह सेंगर, श्री दीपक गोयल, श्री रमाकान्त उपाध्याय, एडी पशुपालन विभाग, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 मुकेश कुमार सहित अन्य संबंधित उपस्थित रहे।

——-जि0सू0का0 आजमगढ़-27.08.2025——–

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