*TV20 NEWS|| PRAYAGRAJ : writer’s cramp से ग्रसित अभ्यर्थी को 4 हफ्ते में जारी करें दिव्यांग प्रमाणपत्र*
writer’s cramp से ग्रसित अभ्यर्थी को 4 हफ्ते में जारी करें दिव्यांग प्रमाणपत्र

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि राइटर क्रैंप (writer’s cramp) बीमारी से ग्रसित अभ्यर्थी को चार हफ्ते में दिव्यांग प्रमाणपत्र जारी करें या ऐसा न करने का कारण बताये. याचिका में विकलांग होने के कारण लेखक की सुविधा दिये जाने की मांग की गई थी. अधिवक्ता ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि याची गोपाल जी को राइटर क्रैंप (writer’s cramp) बीमारी है जिसकी पुष्टि एम्स दिल्ली व मेडिकल कॉलेज झांसी के डॉक्टरों द्वारा किया गया.

यह आदेश जस्टिस अरिन्दम सिन्हा और जस्टिस प्रशांत कुमार की बेंच ने याची के अधिवक्ता ओम प्रकाश सिंह को सुनकर दिया. याची पीएचडी का छात्र है जिसे पूर्व में दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा लेखक (writer’s cramp) की सुविधा प्रदान की गई थी. सर्वोच्च न्यायालय ने विकास कुमार बनाम यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन केस में यह व्यवस्था दी है कि राइटर क्रैंप (writer’s cramp) की बीमारी से ग्रसित अभ्यर्थी को लेखक की सुविधा मिलनी चाहिए. जो सेक्शन 58 चेप्टर (10) की सब सेक्शन 2(S) आरपीडब्ल्यूडी एक्ट 2016 की श्रेणी में आता है.
केंद्र सरकार ने ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया जिसे अन्य राज्यों के साथ-साथ यूपीएससी ने भी लागू किया है. याची ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी झांसी के समक्ष अपनी सारी रिपोर्ट के आधार पर विकलांगता प्रमाण पत्र निर्गत करने हेतु प्रार्थना की थी जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी झांसी ने कोई निर्णय नहीं लिया.तो यह याचिका दायर की गई.
एनएच लिंक रोड निर्माण में तालाब से अवैध खनन के खिलाफ याचिका

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजमगढ़ की बूढनपुर तहसील के गांव मीरपुर के तालाब से अवैध मिट्टी खनन मामले में दिलीप बिल्डकाम कंपनी को नोटिस जारी की है. कोर्ट ने कंपनी व राज्य सरकार से याचिका पर दो हफ्ते में जवाब मांगा है. याचिका की सुनवाई 11 सितंबर को होगी.
यह आदेश जस्टिस जेजे मुनीर ने जियालाल की जनहित याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता प्रेम कुमार चौरसिया ने बहस की. इनका कहना है कि विपक्षी कंपनी राष्ट्रीय राजमार्ग 27 को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से लिंक करने के लिए गोरखपुर के जैतपुर गांव से आजमगढ़ के सालारपुर गांव तक सड़क निर्माण किया जा रहा है. याची को सड़क निर्माण पर कोई आपत्ति नहीं है.
उसने तालाब से मिट्टी के अवैध खनन को लेकर याचिका दायर की है. जिसपर कोर्ट ने जवाब मांगा है. कोर्ट ने सीजेएम आजमगढ़ के मार्फत आदेश की जानकारी जिलाधिकारी आजमगढ़, एसडीएम व तहसीलदार बूढनपुर तथा सीजेएम लखनऊ के मार्फत निर्माण कंपनी के चेयरमैन/प्रबंध निदेशक को देने का निर्देश दिया है.