त्रिदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार आज से……….

आजमगढ़। सोसाइटी फॉर रिसर्च ऐंड एनालिसिस, उत्तर प्रदेश तथा डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय आजमगढ़, के संयुक्त संयोजन में तीन दिवसीय ’ट्रैवेलाग्स ऐज हिस्ट्री’ विषयक अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन 17 जनवरी से डीएवी परिसर में किया जा रहा है। उक्त आशय की जानकारी देते हुए सोसाइटी फॉर रि
सर्च ऐंड एनालिसिस के निर्देशक व डीएवी कालेज के इतिहास विभागाध्यक्ष डा सौम्य सेनगुप्ता आगे बताया कि वेबिनार में प्रोफेसर प्रमोद कुमार श्रीवास्तव जूम एप्लीकेशन के माध्यम से 2 बजे अपराह्न से संबोधित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया जायेगा। जिसे मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की एमेरिटस प्रोफेसर डा अरुणा सिन्हा ही उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता भी करेंगी। एसडी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मुजफ्फरनगर (उप्र) के एसोसिएट प्रोफेसर डा अशोक त्रिपाठी, जवाहरलाल नेहरू विवि, नई दिल्ली के सेंटर फॉर रशियन ऐंड एशियन स्टडीज के डा फूलबदन, आईसीएसएसआर, नई दिल्ली की सीनियर फेलो डा अलका सिंह सोमवार व मंगलवार के आगामी सत्रों को संबोधित करेंगे। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार को संबोधित करने वाले प्रमुख विद्वानो व विषय विशेषज्ञों में फिजी राष्ट्रीय विवि के प्रोफेसर व इंडियन डायस्पोरा कौंसिल आस्ट्रेलिया के निर्देशक डा सतीश राय, अफगान रेजिलिएंस कंसोर्टियम, अफगानिस्तान की डा चमन पिंचा, मिशिगन विवि, यूएसए के एशियन लैंगुएज ऐंड कल्चर विभाग की प्रोफेसर डा प्रेमलता वैष्णवा व डा बैरम खान होंगे। वेबिनार सत्रों के दौरान विषय विशेषज्ञों द्वारा वेबिनार से संबंधित विषयों पर विशेष और गहन चर्चा होगी।
निर्देशक डा सौम्य सेनगुप्ता ने आगे बताया कि भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के सहायक निदेशक डा राजेश कुमार शर्मा, जेएनपीजी कालेज, लखनऊ के डा राजेश कुमार, श्री डीआर महिला महाविद्यालय के प्राचार्य डा मोहम्मद आरिफ, आरबीबीएम कालेज, मुजफ्फरपुर (बिहार) की असिस्टेंट प्रोफेसर डा वन्दना सिंह, सिद्धार्थ विवि के असिस्टेंट प्रोफेसर डा यशवंत यादव, शिनेका आजमगढ़ के इतिहास के एसोसिएट प्रोफेसर डा अलाउद्दीन खान, डीसीएसके कालेज मऊ के प्रोफेसर डा जियाउल्ला, राजकीय महाविद्यालय, लस्कर हरिद्वार (उत्तराखण्ड) के इतिहास के एसोसिएट प्रोफेसर डा आशुतोष शरण विभिन्न सत्रों में वेबिनार को संबोधित करेंगे। साथ ही अनेक महाविद्यालयों के पीएचडी शोधार्थियों द्वारा शोध-पत्र भी प्रस्तुत किए जायेंगे। उन्होंने कहा कि जनपद में इस तरह की अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन इतिहासविदों सहित सभी के लिए अद्वितीय और लाभकारी साबित होगी।