आजमगढ़। चौरी चौरा जन आंदोलन के शताब्दी वर्ष पूरे होने पर जन आंदोलन के नायक अब्दुल्ला के गोरखपुर जिले के गांव राजधानी में आवाम का सिनेमा संस्था द्वारा आयोजित शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में आयोजक द्वारा अग्रणी सामाजिक संगठन प्रयास को ’अनाज बैंक’ ’वस्त्र वितरण’ एवं चिकित्सा की नेकी जैसे संवेदनशील कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।
बताते चले कि असहयोग आंदोलन को जनांदोलन बनाने के लिए के लिए संयुक्त प्रांत में जिले स्तर पर कमेटियों ने 2 फरवरी 1922 को प्रदर्शन शुरू किया, दमन चक्र के चलते गोरखपुर में चौरी चौरा पुलिस थाना 4 फरवरी 1922 फूंक दिया गया। जिसकी गूंज लंदन तक सुनाई दी। इसके साथ ही राजधानी गांव में ही 11 लोगों को पेड़ पर टांगकर फांसी पर लटका दिया गया। इस क्रूरता के आगे भी लोग नहीं डिगे, उस गांव में जनपद के संगठन का सम्मान अपने आप में ऐतिहासिक है।
सम्मान से अभिभूत प्रयास अध्यक्ष रणजीत सिंह ने कहा आजादी की लड़ाई को चौरीचौरा काण्ड ने एक नई दिशा दी। यह हम सब का सौभाग्य है कि हमारे संवेदनशील कार्य की चर्चा यहां तक पहुंची एवं चौरी चौरा जनक्रांति के नायक अब्दुल्ला जी के गांव राजधानी में हमें गौरवान्वित होने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा सामाजिक सौहार्द और आजादी के भाव के परिप्रेक्ष्य में चौरी चौरा जन विद्रोह शताब्दी कार्यक्रम की परिकल्पना एक अद्वतीय पहल है। चौरीचौरा काण्ड अंग्रेजों के विरोध में हुआ था। इसमें बड़ी संख्या में किसान और मजदूर शामिल थे। युवा पीढ़ी के साथ-साथ जनमानस को अपने इतिहास को अवश्य जानना चाहिए। जैसे ही शताब्दी वर्ष पर सम्मानित होने की जानकारी लोगों को हुई तो बधाईयां का दौर अनवरत जारी है।
बधाई देने वालों में अतुल अंजुम, डी.एन सिंह, एस.के दत्ता, शकील आजमी, कमाल भारत, इंजी सुनील यादव, शिनेका के डा मोहम्मद खालिद, डीएवी के डा अनिल कुमार, डा वीरेन्द्र पाठक पतंजलि के योग पीठ जिला प्रभारी अरूण, आशा सिंह, प्रबंधक वरूण राय, शिक्षक अनीता साइलेस, वंशबहादुर सिंह, सीएल यादव, अखिलेश कन्नौजिया, खालिद कमाल भारत, प्रेमगम आजमी, राजीव विश्वकर्मा, डा हरगोविन्द, राणा बलवीर सिंह, रामकेश यादव, शमशाद, आदि शामिल रहे।