आजमगढ़ 23 मार्च– मानव सभ्यता के आरम्भ से लेकर आज तक महिलाओं ने पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर परिवार, समाज, राष्ट्र के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं। आज महिलायें जीवन के हर क्षेत्र में पुरूषों से पीछे नही है बल्कि अनेक क्षेत्रों में वे पुरूषों को चुनौतियां भी दे रही हैं
उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश में बालिकाओं के शिक्षा, स्वास्थ्य व लिंगानुपात की समस्या को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना संचालित की है। बालिकाओं के प्रति आम जन मानस में सकारात्मक सोच का निर्माण करना इस योजना का प्रमुख लक्ष्य है। ताकि लोग कन्या जन्म को बोझ न समझे। योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार कन्या के जन्म पर प्रोत्साहन प्रदान कर रही है। इस योजना से प्रदेश में बालिका शिक्षा को बढ़ावा एवं प्रदेश में समान लिंगानुपात स्थापित होने में भी सहायता मिल रही है।
इस योजना में विभिन्न चरणों में लाभार्थियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती हैं जिससे बालिकाओं की समय-समय पर उनके पालन-पोषण व शिक्षा में आने वाली आवश्यकताओं को लेकर परिवार के दायित्व को कम किया जा सकें। एक स्वस्थ व शिक्षित बालिका परिवार का सम्बल होती हैं जो राष्ट्र के विकास को गति देती हैं।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत बालिकाओं के जन्म से लेकर उसके डिग्री या डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेने तक विभिन्न चरणों मे सहायता राशि का हस्तांतरण सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन सेवा (पी.एफ.एम.एस.) के माध्यम से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते मे किया जाता है। इस योजना के अन्तर्गत लाभार्थी की पात्रता के सम्बन्ध में यह निर्धारित किया गया हैं कि वह परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए। उसकी पारिवारिक आय वार्षिक रूपये 3.00 लाख से अधिक नही होनी चाहिए तथा परिवार मे अधिकतम दो बच्चें होने चाहिए।
योजना के अन्तर्गत बालिकाओं के जन्म के समय रूपये 2000 की राशि का हस्तांतरण किया जाता है, इससे बालिका का पोषण व स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में परिवार को सहायता मिलती है। 1 वर्ष की आयु में निर्धारित टीकाकरण पूर्ण कर लेने पर रूपये 1000 प्रदान किए जाते है। कक्षा 1 में प्रवेश लेने पर (बालिका की शिक्षा के औपचारिक रूप से शुरू होने पर) 2000, कक्षा 6 में प्रवेश के समय रूपये 2000, कक्षा 9 में प्रवेश के समय रूपये 3000 प्रदान किए जाते है। पुनः डिग्री/डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेने पर रूपये 5000 प्रदान किए जाते है। इस प्रकार बालिका के जन्म से लेकर उसकी डिग्री/डिप्लोमा की शिक्षा के स्तर तक कुल 15000 रूपए की सहायता प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है। जिससे लाखों परिवारों को बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पालन-पोषण को लेकर चिंताएं कम हुई है। तथा बेटियों को सुरक्षित परिवेश मिला है, जिससे वे प्रदेश के सामाजिक, सांस्कृतिक विकास में अपना बहुमूल्य योगदान देने के लिए सशक्त बन रही है। प्रदेश सरकार द्वारा योजना की शुरूआत से अब तक लगभग 7 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है। जो इस योजना की सार्थकता सिद्ध कर रही है।