धर्म-स्थलों के अंदर एक बार में एक स्थान पर 05 से अधिक श्रद्धालु न हों – जिलाधिकारी

आजमगढ़ 14 अप्रैल– जिला मजिस्ट्रेट राजेश कुमार ने कहा कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के सम्बंध में दिशा निर्देश जारी किये गये हैं। उक्त दिशा निर्देश के अनुपालन में जिला मजिस्ट्रेट ने निर्देशित किया है कि कंटेनमेंट जोन को छोड़कर शेष स्थानों में धर्म-स्थलों के अंदर एक बार में एक स्थान पर 05 से अधिक श्रद्धालु न हों तथा इस सम्बंध में निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।
उन्होने कहा कि प्रवेश द्वारों पर हाथों को किटाणुरहित करने हेतु एल्कोहलयुक्त सेनिटाइजर का प्रयोग किया जाए एवं इन्फ्रारेड थर्मामीटर की व्यवस्था यथासम्भव की जाय। जिन व्यक्तियों में संक्रमण के लक्षण प्रदर्शित न हों केवल उन्हीं लोगों को परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी। सभी व्यक्तियों को फेस कवर/मास्क का प्रयोग करना अनिवार्य होगा। कोविड-19 महामारी की रोकथाम सम्बंधी उपायों के रूप में जन जागरूकता के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु परिसर में पोस्टर/स्टैण्डीज का प्रयोग प्रमुखता से करना होगा। जहाँ तक सम्भव हो आगन्तुकों/श्रद्धालुओं को छोटे-छोटे समूहों में विभाजित करते हुये परिसर में प्रवेश करने की व्यवस्था की जाये, ताकि परिसर में अनावश्यक भीड़ न हो तथा संक्रमण का प्रसार न होने पाए। प्रयास हो कि एक स्थान पर एक समय में पॉच से अधिक व्यक्ति एकत्र न हों। जूते-चप्पल आदि यथासम्भव अपने वाहन में ही उतारकर रखना अपेक्षित होगा। यदि आवश्यक हो तो इन्हें प्रत्येक व्यक्ति/परिवार द्वारा स्वयं ही अलग-अलग ब्लाक/खाँचे में रखना होगा। परिसर के बाहर पार्किंग स्थल पर भीड़ प्रबंधन करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा। इस हेतु फर्श पर दो गज की दूरी पर गोले बनाये जायेंगे अथवा मार्किंग की जायेगी। लोक सम्बोधन प्रणाली/माइक द्वारा आगन्तुकों/श्रद्धालुओं को कोविड-19 संक्रमण से बचाव के बारे में लगातार जागरूक किया जायेगा। परिसर के बाहर स्थित किसी भी प्रकार के दुकानों/स्टाल/कैफिटेरिया आदि पर भी 2 गज की दूरी पर गोले बनाकर या मार्किंग करके सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने हेतु परिसर में खड़े व्यक्तियों की लाइन बनाने हेतु स्पष्ट दृश्य निशान/गोले बनाये जायेंगे। प्रवेश एवं निकास की यथासम्भव अलग-अलग व्यवस्था की जायेगी। लाइनों में सभी व्यक्ति एक दूसरे से कम से कम 6 फिट की शारीरिक दूरी पर रहेंगे। बैठने के स्थानों को भी सोशल डिस्टेंसिंग के अनुसार व्यवस्थित किया जायेगा। वेंटिलेशन/एयर कंडीशनरों आदि के साधनों के प्रयोग के समय तापमान 24-30 डिग्री के मध्य होना चाहिये तथा आर्द्रता की सीमा 40-70 प्रतिशत के मध्य होनी चाहिये। क्रास वेंटिलेशन का प्रबंधन इस प्रकार से होना चाहिये कि ज्यादा से ज्यादा ताजी हवा अन्दर आ सके। प्रतिरूप/मूर्तियों/धर्मिक ग्रन्थों आदि को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी। सभी प्रकार की सभायें निषिद्ध रहेंगी। संक्रमण फैलने के खतरे के दृष्टिगत रिकार्ड किये गये भक्ति संगीत/गाने बजाये जा सकते हैं, परन्तु समूह में इकट्ठे होकर गायन की अनुमति नहीं होगी। प्रार्थना सभाओं में एक ही मैट/दरी का प्रयोग से बचा जायेगा, अपितु सभी श्रद्धालुओं को अपने लिये अलग मैट/दरी/चादर लानी चाहिये, जिन्हे वे अपने साथ वापस ले जा सकें। धर्म स्थल के अंदर किसी प्रकार के प्रसाद वितरण अथवा पवित्र जल का छिड़काव आदि की अनुमति नहीं होगी। एक दूसरे को बधाई देते समय शारीरिक सम्पर्क से बचना होगा। श्रद्धालु अथवा पुजारी किसी भी प्रकार किसी को भी स्पर्श नहीं करेंगे। लंगर/सामुदायिक रसोई/अन्नदान आदि हेतु भोजन तैयार करते समय एवं परोसते समय सामाजिक दुरी के मानकों का अनुपालन किया जायेगा। परिसर के अंदर शौचालय, हाथ पैर धोने के स्थानों पर स्वच्छता हेतु विशेष उपाय करने होंगे। प्रबंधन द्वारा धार्मिक स्थलों की लगातार सफाई एवं किटाणु रहित करने के उपाय किये जायेंगे। परिसर के फर्श को विशेष रूप से कई बार साफ किया जायेगा। आगन्तुक अपने फेसकवर/मास्क/ग्लब्स आदि को सार्वजनिक स्थानो पर नहीं छोड़ेंगे। यदि ऐसी कोई सामग्री मिलती है तो उसका उचित निपटान सुनिश्चित किया जायेगा।
उन्होने कहा कि परिसर में संदिग्ध या पुष्ट हुए मामले पर कार्यवाही की जायेगी। जिसके अन्तर्गत बीमार व्यक्ति को ऐसे स्थान या कमरे में रखा जायेगा, जहाँ वह अन्य व्यक्तियों से बिल्कुल अलग (आइसोलेट) हो। उन्हें तब तक के लिए फेस मास्क दें जब तक डॉक्टर उनकी जांच न कर ले। निकटतम हास्पिटल/क्लिनिक या प्रदेश अथवा जिला कन्ट्रोल रूम (18001805145) को तुरंत सूचित करें। नामित स्वास्थ्य प्राधिकारी (डिस्ट्रीक्ट आरआरटी/ट्रीटिंग फीजिशियन) द्वारा मरीज और उनके सम्पर्कों आदि के सम्बंध में जोखिम का मूल्यांकन किया जायेगा, तद्नुसार कार्यवाही की जायेगी। अगर कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस पाजिटिव पाया जाय तो पूरे परिसर का कीटाणुशोधन किया जायेगा।
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि जनपद के समस्त उप जिलाधिकारी जो पूर्व से ही इंसीडेण्ट कमाण्डर नियुक्त हैं, उक्त आदेश की जानकारी जन सामान्य तक प्रसारित करने के उद्देश्य से अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत धर्मगुरूओं की बैठकंे कर उन्हें आदेश से अवगत कराते हुये सभी सावधानियाँ सुनिश्चित करने की जानकारी देंगे तथा लाइन डिपार्टमेंट्स के माध्यम से आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करायेंगे।