किस्मत करवाती है कठपुतली का खेल वर्ना, जिन्दगी के रंग मंच कोई कलाकार कमजोर नहीं होता

जीवन तो कर्मों का खेल है ।मिट्टी का दीपक है तेल खत्म खेल खत्म।आज हर तरफ भय युक्त वातावरण है।गजब का सियासी खेल प्रदुषित‌ हो चुका आवरण है।कोई किसी भी तरह‌ मरे करोना के नाम अपयस लगना है।आज सोसल मिडीया फेसबुक पर कुछ डाक्टरों ने डब्लू एचो के खेल का खुलासा कर दिया है।करोना ना कोई महामारी है न खतरनाक बिमारी है यह साधारण हमेशा से होने वाला सर्दी ज़ुकाम है जो सात दिन में ठीक हो जाता है।लेकिन जिस तरह से तफरका मचा हुआ है तमाम हादसे सदमा में हो रहे हैं। इसे क्या कहा जाय। पहले तो इतनी मौतें नहीं होती थी! करोना बिमारी है महामारी नहीं कहना बहुत आसान है ! लेकीन जिनके परिजन इस महामारी के शिकार हैं हास्पीटल तो गये वापस नहीं मिले।उनपर क्या गुजर रहा होगा।बैमौत मर रहे हैं हजारों रोगी। मुगालते में न रहे मौत नग्न तांडव कर रही है सावधानी हर क्षण जरुरी है। जीवन जीने के लिये यह मजबूरी है। इजराइल जैसा देश जिसकी आबादी महज एक करोड़ है करोना पर फतह हासिल कर लिया।खबर के मुताबिक इजराइल मे लगभग लोगों को दोनों करोना का टीका लग चुका है। भारत जैसे विशाल देश का परिवेश बदलने में समय जरूर लगेगा लेकिन हम होंगे कामयाब एक दिन।आज सरकार कटघरे में खडी है। अस्पताल से लेकर श्मशान तक लाशे पड़ीं है‌। हर तरफ हाहाकार चित्कार है।घोर निराशा के भंवर जाल में मानवता दम तोड रही है। इन्सानियत हताश हैं।अपने प्रियजनो को बचाने कै लिये मौत के बाद लाश पाने के लिये भी सौदा हो रहा है। अब भी नहीं जागा स्वार्थी इन्सान देख रहा है न धन काम आ रहा है न दौलत सब एक ही तरह से पन्नी में लिपटे श्मशान जा रहे करोना के बदौलत। कब्रिस्तान श्मशान पर दिख रहा है कायनाती बिधान न कोई बड़ा न छोटा न जाति न बिरादरी वहीं आग वहीं पानी सबकी एक ही साथ चिता में जल रही जवानी।
एक तरफ करोना का कहर तबाह हो रहा है गांव और शहर दुसरी तरफ चुनाव माकूल मौसम पैदा कर दिया है घर घर करोना को पहुंचाने के लिये।लोगों की भीड़ बेखौफ रेलम पेल खुलेयाम चल रहा है सियासी खेल। जीवन के अनन्त पथ का अनुगामी बनते लोगों का हुजूम सांसों के तारतम्य को बिचलित कर रहा है। आज मन काफी ब्यथित है मतलबी संसार के रित रिवाज को देखकर। आज अभी है कल का पता नहीं? छण भर में मौत के वारंट का तामिला हो रहा है। सुबह से कोशिश कर रहा हूं दिनचर्या कायम रहे लेकिन तपती शरीर आशंकाओं में उलझा मन बस बैचैन है !जैसे लगता है अनन्त सफर पर जाने का समय करीब आ रहा है। भगवान ने करे किसी के साथ यह भयावह हादसा हो।सावधान रहें सतर्क रहें होनी को कौन रोक पाया है।