{नई दिल्ली}
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक सुनवाई के दौरान दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (संशोधन) अधिनियम, 2021 (जीएनसीटीडी) के खिलाफ याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर पक्ष रखने के आदेश दिए हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 4 जून को होगी
दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (संशोधन) अधिनियम, 2021 गृह मंत्रालय की तरफ से जारी एक अधिसूचना के बाद 27 अप्रैल से लागू हो गया है.गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2021, 27 अप्रैल से अधिसूचित किया जाता है. अब दिल्ली में सरकार का मतलब उपराज्यपाल होगा
गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव गोविंद मोहन के हस्ताक्षर के साथ जारी इस अधिसूचना के मुताबिक दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) अधिनियम, 2021 (2021 का 15) की धारा एक की उपधारा-2 में निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार 27 अप्रैल 2021 से अधिनियम के प्रावधानों को लागू करती है।
क्या है केंद्र सरकार द्वारा लाया गया कानून
केंद्र सरकार ने संसद में बिल पेश करते हुए कहा था कि यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों को बढ़ावा देता है. इसमें दिल्ली में राज्य सरकार और उपराज्यपाल की जिम्मेदारियां को बताया गया है. उसमें कहा गया है कि राज्य की विधान सभा द्वारा बनाए गए किसी भी कानून में सरकार का मतलब उपराज्यपाल होगा.इसी वाक्य पर मूल रूप से दिल्ली के अरविंद केजरीवाल सरकार आपत्ति दर्ज करा रही है.इसमें यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार कैबिनेट या फिर किसी मंत्री द्वारा कोई भी शासनात्मक फैसला लिया जाता तो उसमें उपराज्यपाल की राय या मंजूरी जरूरी है. साथ ही विधानसभा के पास अपनी मर्जी से कोई कानून बनाने का अधिकार नहीं होगा. जिसका असर दिल्ली सरकार में प्रशासनिक तौर पर पड़ता है
उपराज्यपाल बनाम दिल्ली सरकार, पुरानी है लड़ाई
वर्ष 2014 में अरविंद केजरीवाल सरकार और तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच जनलोकपाल बिल को लेकर विवाद शुरू हुआ था. स्थिति ऐसी बनी कि विधानसभा में इस मुद्दे पर समर्थन नहीं मिलने का अंदेशा देख केजरीवाल ने 49 दिनों में ही अपनी सरकार गिरा ली.वर्ष 2015 में फिर 70 में से 67 सीटें जीतकर आई तब भी मुख्य सचिव की नियुक्ति, एसीबी, वीके शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट , आप विधायकों के कैम्प ऑफिस, मोहल्ला क्लीनिक, सीसीटीवी, नई बसें आदि खरीदने को लेकर सरकार और उपराज्यपाल के बीच टकराव होता रहा