कोरोना संकट के बीच ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. कोविड के बढ़ते संक्रमण को लेकर कायम जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति ना होने और इससे हो रही मौतों को नरसंहार की तरह बताया है.
कोर्ट ने कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति न होने से कोविड मरीजों की मौत आपराधिक कृत्य जैसा है. कोविड मरीजों की मौत उनके लिए किसी नरसंहार से कम नहीं है जिन्हें लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है. जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान यह सख्त टिप्पणी की.
इस दौरान स्टेट इलेक्शन कमीशन की ओर से हलफनामा दाखिल किया गया. इसके अलावा 9 जिलों के डिस्ट्रिक्ट जज की ओर से कोविड को लेकर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की गई. एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल ने कोर्ट से 2 दिन की मोहलत मांगी है. 27 अप्रैल को पिछली सुनवाई के आदेश के पालन के लिए समय मांगा है.
मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के कोविड को लेकर उठाए गए कदमों और चिंता से भी अवगत कराया. राज्य सरकार की तरफ से बताया गया कि प्रदेश में 17614 आइसोलेशन बेड और 5510 आईसीयू व एसडीयू बेड अलग-अलग अस्पतालों में उपलब्ध हैं. सरकार ने कोर्ट को 2 दिन बढ़ाए गए वीकेंड कर्फ्यू की भी जानकारी दी. इस बीच हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सीनियर एडवोकेट अमरेन्द्र नाथ सिंह कोर्ट से मांग की है कि कोरोना के संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए लॉकडाउन ही अंतिम विकल्प है.
यूपी पंचायत चुनाव के दौरान नियमों के उल्लंघन को लेकर हाईकोर्ट ने इलेक्शन कमीशन से अगली सुनवाई पर काउंटिंग का सीसीटीवी फुटेज मांगा है. कोर्ट ने पेन ड्राइव में अगली सुनवाई पर काउंटिंग एरिया और सेंटर दोनों के फुटेज मांगे हैं. कोर्ट ने लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, गाजियाबाद, मेरठ, गौतम बुद्ध नगर और आगरा जिलों की फुटेज मांगी है.
इसके अलावा कोर्ट ने जस्टिस वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव का कोरोना के चलते हुए निधन पर हलफनामा मांगा. एडिशनल एडवोकेट जनरल से उन्हें दिए गए इलाज को लेकर हलफनामे में जानकारी मांगी गई है. 7 मई को सुबह 11:00 बजे मामले की अगली सुनवाई होगी.