भारत में आ सकती है कोविड की तीसरी लहर, AIIMS निदेशक ने बताई वजह, कितनी होगी खतरनाक?

नई दिल्ली, 4 मई। दिल्ली स्थित देश के अग्रणी चिकित्सा संस्थान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानि दिल्ली एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया लगातार कोविड-19 को लेकर नई सलाह और सुझाव जारी करते रहते हैं। मंगलवार को डॉ. गुलेरिया ने भारत में तीसरी लहर की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि अगर वायरस आगे चलकर उत्परिवर्तन करता है और इम्यून से बचने का तंत्र विकसित कर लेता है तो देश में कोविड-19 की तीसरी लहर आ सकती है।

वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू बेअसर

रणदीप गुलेरिया ने राज्यों के द्वारा नाइट कर्फ्यू और वीकेंड लॉकडाउन लगाए जाने के फैसले को वायरस को रोकने के लिए अक्षम बताते हुए कहा है कि इसका सफल होना बहुत मुश्किल है।यह पूछे जाने पर कि देश में ऐसे कोविड संकट के चलते जिसमें अस्पतालों में मरीज का भर्ती हो पाना मुश्किल बना हुआ है और ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है क्यां राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की एकमात्र विकल्प बचा हुआ है, रणदीप गुलेरिया ने कहा कि वायरस संक्रमण में विस्तार को कम करने के लिए एक अवधि तक लॉकडाउन की आवश्यकता है।
एम्स निदेशक ने कहा, “तीन चीजों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। पहला अस्पताल का बुनियादी ढांचा है। दूसरा मामलों की संख्या में आक्रामक तरीके से कमी लाना और तीसरा टीकाकरण करना।” गुलेरिया ने कहा संक्रमण की शृंखला को तोड़ना होगा। यदि हम लोगों के बीच संपर्क को तोड़ने में सफल होते है तो वायरस संक्रमण में भी कमी आएगी।

Coronavirus India: आ सकती है Corona की तीसरी लहर- AIIMS डायरेक्टर | वनइंडिया हिंदी
लॉकडाउन संक्रमण की चेन तोड़ने में सक्षम

गुलेरिया ने कहा “हम इसे लॉकडाउन कह सकते हैं या फिर एक क्षेत्रीय लॉकडाउन जैसा कि ब्रिटेन में किया गया था। यह राज्य स्तर पर होगा या फिर बड़े स्तर पर होगा यह तय किया जा सकता है। यह कुछ ऐसा है जिसे नीति निर्माताओं को तय करना है क्योंकि यह जीवन और आजीविका के संदर्भ में सब कुछ व्यवस्थित करने की भी बात है। साथ ही यहां आवश्यक सेवाओं को चालू करना भी जरूरी है क्योंकि इसमें बहुत सारे लोग ऐसे भी प्रभावित होते हैं जो दैनिक मजदूर वाले हैं।’ हालांकि उन्होंने लॉकडाउन के सख्त और आक्रामक करने की बात कही है।
एम्स निदेशक ने आगे कहा कि हमारा फोकस केवल हॉस्पिटल के बुनियादे ढांचे पर ही नहीं रखा जा सकता जब तक कि इसमें कोविड-19 संक्रमण की संख्या को कम करने पर ध्यान केंद्रित नहीं किया जाता है। गुलेरिया ने कहा कि वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू का कोई मतलब नहीं है। लॉकडाउन तब काम करेगा जब इसे पर्याप्त समय के लिए लगाया जाए। उन्होंने कहा कि यह समयावधि कम से कम दो सप्ताह की होनी चाहिए।
डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अगर वायरस में उत्परिवर्तन जारी रहता है तो भारत में कोरोनोवायरस महामारी की तीसरी लहर की संभावना बनी हुई है। “हमें कुछ चीजों के समझना होगा। हम कितनी जल्दी लोगों को टीका देकर उन्हें प्रतिरक्षा प्रदान कर सकते हैं? और दूसरा यह है कि वायरस कैसे बदलता है? यदि वायरस आगे विकसित होता है और यह एक प्रतिरक्षा बचाव तंत्र विकसित करता है यानि लोगों द्वारा विकसित प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है तो आप फिर से संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे में हम महामारी की तीसरी लहर को देख सकते हैं।

उन्होंने कहा हम संभवतः एक और लहर देखेंगे लेकिन मुझे उम्मीद है कि उस समय तक बड़ी संख्या में लोगों को टीका लगाया जा चुका होगा जिसके चलते यह कोरोवायरस की वर्तमान लहर जितनी बड़ी नहीं हो सकती है और इसे प्रबंधित करना आसान होगा।