महराजगंज। जनपद के परसामलिक थानाक्षेत्र के महदेइया गांव में मंदिर के पुजारी और महिला पुजारी की गुरुवार की देर रात सिर पर प्रहार कर हत्या कर दी गई. शुक्रवार की सुबह दोनों बुजुर्ग पुजारियों का शव मंदिर परिसर में खून से लथपथ मिला. ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने घटनास्थल का निरीक्षण कर शीघ्र पर्दाफाश का निर्देश दिया. घटना के संबंध में आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है. फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंच साक्ष्य एकत्र करने में जुटी है. अभी तक दोनों की हत्या किसने और क्यों की, पता नहीं चल सका है. घटना के बाद पूरेे क्षेत्र में सनसनी फैल गई. दो पुजारियों की हत्या की जानकारी होते ही पुलिस अफसरों के हाथ पांव फूल गए. एसपी के बाद एडीजी अखिल कुमार भी घटनास्थल पर पहुंचे और हत्यारों को शीघ्र गिरफ्तार करने का निर्देश दिया.
दोनों के सिर पर मिले चोटे के निशान……
महदेईया गांव निवासी राम रतन मिश्र ने शादी नहीं की थी. उन्होंने गांव में अपने निजी खर्च से मंदिर का निर्माण कराया था. मंदिर पर पिछले 25 वर्षों से नेपाल ढकधइया चेनपुरवा की महिला कलावती भी रहती थी. कुछ दिन पहले पुजारी रामरतन मिश्र वाराणसी से हनुमान जी की मूर्ति लाए थे. मूर्ति को मंदिर में स्थापित कराने के बाद उन्होंने भंडारा कराया था. शुक्रवार की सुबह ग्रामीण जब मंदिर की तरफ गए तो दोनों पुजारियों का शव खून से लथपथ मिला. दोनों के सिर पर चोट के निशान मिले हैं. आशंका व्यक्त की जा रही है कि बदमाशों ने दोनों के सिर पर प्रहार कर घटना को अंजाम दिया है। रामरतन मिश्र के दो अन्य भाई भी हैं. पुलिस उनसे भी संपर्क साध रही है. पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने बताया कि हत्या क्यों और किसके द्वारा की गई है. इसकी जांच की जा रही है. शीघ्र ही घटना का पर्दाफाश कर बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
पुश्तैनी भूमि बिकने पर पुजारी को मिले थे 15 लाख
महदेईयां निवासी पुजारी रामरतन मिश्र कुल तीन भाई थे. पिछले दिनों उनकी पुश्तैनी भूमि के बिकने के बाद तीनों भाइयों को 15-15 लाख रुपये मिले थे. इसमें से पुजारी रामरतन ने करीब एक लाख रुपये खर्च कर दिया था. शेष उनके खाते में पड़े हुए हैं. अबतक की जांच में यह भी पता चला है कि उन्होंने अपने एक अन्य सहयोगी के लिए एक बाइक भी खरीदी थी. पुलिस मामले में इस एंगल को लेकर भी जांच में जुटी हुई है. पुलिस का मानना है कि हत्यारा जो भी वह प्लानिंग करके बिल्कुल ही नहीं आया था. क्योंकि दोनो पुजारियों की हत्या मंदिर पर ही रखी छोटी काली की प्रतिमा से वारकर किया गया है. क्योंकि अगर कातिल प्लानिंग करके आता तो वह घटना में किसी हथियार का प्रयोग जरूर करता. मौत के पूर्व दोनों ने हत्यारे से संघर्ष भी किया है.