DGGI ने 177 करोड़ की रकम को माना कारोबार का टर्नओवर, ब्लैक मनी का था केस, पियूष जैन की जमानत की राह हुई आसान

 

#कानपुर में इत्र कारोबारी #पीयूषजैन के घर पर डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (#डीजीजीआई) अहमदाबाद की छापेमारी में हैरान करने वाली बात सामने आई है। DGGI टीम ने पीयूष जैन के कानपुर स्थित घर से 177.45 करोड़ कैश की बरामदगी की थी। वहीं अब टीम ने 177.45 करोड़ की रकम को कारोबार का टर्नओवर माना है। डीजीजीआई की तरफ से कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों से इसका खुलासा हुआ है। करोड़ों की रकम को टर्नओवर दिखाने से पीयूष का केस बेहद कमजोर हो गया है। इससे इत्र कारोबारी पेनाल्टी जमाकर आसानी से जमानत पा जाएगा। जबकि ये पूरा मामला #ब्लैकमनी का बनता था। ऐसे में अब आयकर विभाग विभाग भी ब्लैक मनी के मामले में कार्रवाई नहीं कर पाएगा।

इत्र कारोबारी ने पीयूष जैन ने डीजीजीआई के अधिकारियों को बताया कि आंनदपुरी स्थित आवास से जितना भी कैश मिला है। उसने चार से पांच साल में कंपाउंड बेच कर कमाया है। लेकिन इस रकम का टैक्स अदा नहीं किया है। डीजीजीआई की टीम ने पीयूष के बयान को आधार बनाकर कर चोरी का मामला बनाकर कोर्ट में पेश कर दिया। इसमें 31.50 करोड़ की कर चोरी मानी गई है। इसकी पेनाल्टी और ब्याज लगाकर लगभग 52 करोड़ की रकम बनती है।

जानकारों का मानना है कि डीजीजीआई को 177 करोड़ की बरामदगी मामले में आयकर विभाग की टीम को कार्रवाई और सीज करने के लिए बुलाना चाहिए। इससे यह ब्लैक मनी का मामला बनता। इसके साथ ही बरामद की गई पूरी रकम पर टैक्स, पेनाल्टी और ब्याज लगना चाहिए था। फिलहाल इस स्थिति में पीयूष जैन आसानी से बाहर आ जाएगा।