बिजनौर : छह साल पहले हुए एनआईए अफसर तंजील हत्याकांड में मनीर व रेयान को मिली फांसी की सजा

बिजनौर। जिले में छह साल पहले हुए एनआईए अफसर तंजील हत्याकांड में आखिरकार शनिवार को कोर्ट ने दो दोषी मुनीर और सह अभियुक्त रेयान को फांसी की सजा सुना दी। साथ ही दोनों पर एक-एक लाख का अर्थदंड भी लगाया। बीते दिन अदालत ने इन दोनों को दोषी करार दिया था, जबकि अन्य तीन अभियुक्तों जैनी, तंजीम व रिजवान को बरी कर दिया था।

दरअसल, शनिवार दोपहर बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. विजय कुमार की अदालत में तंजील हत्याकांड में 18 पेज का विस्तृत फैसला सुनाया। एडीजीसी अभिनव कुमार उर्फ आनंद जंघाला एडवोकेट ने बताया कि न्यायालय ने कुख्यात मुनीर तथा सहअभियुक्त रैयान को हत्या में दोषी करार देते हुए आईपीसी की धारा 302/34 के तहत दंडनीय अपराध के लिए मृत्युदंड एवं प्रत्येक को एक लाख के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा न करने की दशा में इन्हें एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा। मृत्युदंड दंडादेश का क्रियान्वयन उच्च न्यायालय से पुष्टिकरण के बाद ही किया जाएगा। अदालत ने मुनीर और रेयान को दोषी पाते हुए फांसी सजा सुनाई। इसके बावजूद मुनीर और रेयान के चेहरे पर शिकन नहीं थी। पुलिस कस्टडी में अदालत से बाहर आते हुए दोनों मुस्कुराते हुए दिखाई दिए।

2/3 अप्रैल 2016 की रात को एनआईए में डिप्टी एसपी तंजील अहमद की उस समय ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी, जबकि वह स्योहारा में अपनी भांजी के शादी समारोह में शामिल होकर पत्नी फरजाना व दो बच्चों के साथ कार से अपने पैतृक गांव सहसपुर लौट रहे थे। तीन गोलियां लगने से घायल पत्नी फरजाना की भी 11 दिन बाद मौत हो गई थी। कड़ी जांच-पड़ताल के बाद तंजील हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने उन्हीं के कस्बे के रहने वाले दो लाख के इनामी कुख्यात मुनीर को गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा पुलिस ने रेयान, जैनी, तंजीम व रिजवान का नाम प्रकाश में आने पर उन्हें भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।