बागपत : यूपी के 25 जिलों में नौकरी करने वाले इन शिक्षकों की कुर्क होगी संपत्ति- जानें क्या है मामला

बागपत। अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिका पर कार्रवाई के बाद विभाग ने यूपी के 25 जिलों में नौकरी कर रहे फर्जी शिक्षकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. फर्जी शिक्षिका अनामिका शुक्ला उर्फ रामबेटी उर्फ राजबेटी के खिलाफ बागपत पुलिस ने कुर्की की कार्रवाई शुरू कर दी है. दो वर्ष बीतने के बाद भी उसकी गिरफ्तारी न होने के चलते पुलिस ने यह कार्रवाई शुरू की है. गत 9 जुलाई को बागपत पुलिस ने मैनपुरी पहुंचकर अनामिका शुक्ला के घर पर दफा 82 का नोटिस चस्पा किया. अब यदि फर्जी शिक्षिका एक माह के भीतर गिरफ्तार या फिर न्यायालय में पेश नहीं हुई, तो पुलिस उसकी संपत्ति को कुर्क कर लेगी.

अनामिका शुक्ला के अभिलेखों के सहारे प्रदेश के 25 कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में फर्जी नियुक्तियां पाई गई थीं. बड़ौत के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में भी मैनपुरी के हसनपुर मल्लामई निवासी महिला ने शिक्षिका के पद पर नौकरी हासिल की थी. यहां भी उसने अनामिका शुक्ला नाम के दस्तावेज लगाए थे. प्रभारी निरीक्षक बड़ौत कोतवाली देवेश कुमार शर्मा ने बताया कि अनामिका शुक्ला उर्फ रामबेटी उर्फ राजबेटी के खिलाफ गत 4 जून 2020 में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया था. तभी से आरोपी फर्जी शिक्षिका फरार चली आ रही है. पुलिस उसके आवास पर कई बार दबिश भी डाल चुकी है, लेकिन वह हत्थे नहीं चढ़ पाई है. उसके गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो चुके है, इसके बावजूद उसने न्यायालय में समर्पण नहीं किया.

तत्कालीन बीएसए राजीव रंजन ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि गत 31 दिसंबर 2019 को अनामिका की नियुक्ति की गई थी. जनवरी 2020 के मानदेय के लिए अनामिका शुक्ला ने वाट्सएप से अपना बैंक खाता विद्यालय लेखाकार सोनिया रानी को उपलब्ध कराया था. मानदेय हस्तांतरित करते समय त्रुटिवश खाता नंबर गलत हो गया था, जिस कारण अनामिका का 22,810 रुपए मानदेय खाते में नहीं जा सका था. सोनिया रानी ने अनामिका शुक्ला द्वारा उपलब्ध कराए बैंक खाते की पासबुक की प्रविष्टि देखी, तो 18 फरवरी-2020 को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय से 22,000 रुपए की धनराशि क्रेडिट पाई गई. संदेह होने पर लेखाकार ने डीसी बालिका शिक्षा संगीता शर्मा को अवगत कराया था.

संगीता शर्मा ने मौखिक रूप से इसकी जानकारी बालिका शिक्षा यूनिट राज्य परियोजना कार्यालय, लखनऊ को दी थी. जिसके बाद गत 12 मार्च 2020 को मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक, मेरठ ने गत 13 मार्च 2020 को अनामिका शुक्ला को अपने मूल प्रमाण पत्रों के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए. जिसके बाद अनामिका शुक्ला के पास कई बार फोन किए, लेकिन उसने फोन रिसीव नहीं किया. जिसके बाद विद्यालय वार्डन ने अनामिका शुक्ला के वाट्सएप पर 13 मार्च को प्रमाण पत्रों के साथ मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक के कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा, लेकिन अनामिका शुक्ला ने 13 मार्च को ही डीसी बालिका शिक्षा को व्हाटसएप पर अपना त्याग पत्र भेज दिया.