लखनऊ। प्रदेश का संस्कृति विभाग अब राज्य के संस्कृतिकर्मियों, कलाकारों, चित्रकारों, मूर्तिकारों, रंगकर्मियों, नर्तकों, वादकों और लोक कलाकारों को कला के प्रति उनके उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए पुरस्कारों की बौछार करेगा। संस्कृति विभाग को हर साल ऐसे चुनिंदा कलाकारों, संस्कृतिकर्मियों को 11-11 लाख रुपये के पुरस्कार देगा ही, साथ ही अब उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी के अलावा राल्य ललित कला अकादमी, भारतेन्दु नाट्य अकादमी भी पुरस्कार प्रदान करेंगी।
यह जानकारी प्रदेश के संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने यहां लोकभवन में हुई प्रेसवार्ता में दी। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले आयोजन में उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान, संस्कृति विभाग के अधीन स्वायत्तशासी संस्थाओं द्वारा पुरस्कार प्रारम्भ किए जाएंगे। संगीत नाटक अकादमी आदि संस्थाओं के पुरस्कारों की राशि बढ़ायी जाएगी।
संगीत नाटक अकादमी, ललितकला अकादमी, वृन्दावन अकादमी, भारतेन्दु नाट्य अकादमी, जैन विद्या शोध संस्थान, राष्ट्रीय कथक संस्थान, लोक एवं जनजातीय कला संस्कृति संस्थान, बौद्ध शोध संस्थान सराहनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों के योगदान को सम्मानित करने के लिए पुरस्कार व सम्मान प्रारम्भ करेंगे। उन्होंने बताया कि संस्कृति विभाग के विभिन्न संस्थानों और अकादमी के पुरस्कारों की संख्या एवं धनराशि बढ़ाने के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार, दूसरे प्रदेशों एवं राज्य सरकार द्वारा दिये जाने वाले पुरस्कारों का तुलनात्मक चार्ट बनाने के साथ ही एक कमेटी गठित करने का फैसला हुआ है।