आजमगढ़, 10 अक्टूबर 2022
मंडलीय जिला चिकित्सालय में सोमवार 10 अक्टूबर को गोष्ठी का आयोजन कर विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया। मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिन मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का यह दिन मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर काम करने वाले सभी लोगों को अपने काम और इसकी जरूरतों को बोलने और सचेत रहने का एक मौका देती है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी का।
डॉ तिवारी ने ब्नताया कि इस दिन में मानसिक स्वास्थ्य पर काम करने वाले डॉक्टरों, वैज्ञानिकों, साइकोलॉजिस्ट को इसके महत्व का प्रचार करने का मौका मिलता है। आज के दौर में मानसिक स्वास्थ्य हम सभी के लिए इतना जरूरी क्यों है। यह दिन इस बात के महत्व पर जोर देता है कि इस दिशा में की गई कोशिश कैसे अहम होती जा रही है, उसे और अच्छा करने की जरूरत है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि अवसाद जो कि मानसिक स्वास्थ्य का ही एक उदाहरण है। डब्ल्यूएचओ और कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने पिछले कुछ सालों में इस बात को स्वीकार किया है कि लोग इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में, खुद को साबित करने की होड़ में, अवसाद का शिकार हो रहे हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक अवसाद विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। विकलांग लोगों के लिए विभिन्न सामाजिक बाधाएं भी उनके लिए खतरनाक अवसाद का शिकार बनाती हैं। जैसे भूलने की आदत, अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसे बीमारी का सामना करना पड़ता है, इसी तरह एक विकलांग व्यक्ति को उसकी काम करने की जगह में भी भेदभाव का सामना करना पड़ता है। अगर सजग रहेंगे तो इस बीमारी से बाख जायेंगे।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ ए अजीज ने बताया कि खास कर कोरोना महामारी के बाद मानसिक स्वास्थ्य को लेकर लोग और भी जागरुक हो गए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग, वर्क फॉर होम, अकेले रहने जैसी कई चीजों ने इन कुछ वर्षों में लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के लिए सचेत रहने की आवश्यकता है। खासतौर पर मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे लोगों और वृद्धजनों की विशेष देखभाल कर इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं। इसमें सबसे पहले डिप्रेशन दूर करने के लिए आठ घंटे की नींद लें। नींद पूरी होगी तो दिमाग तरोताजा होगा और नकारात्मक भाव मन में कम आएंगे। प्रतिदिन सूरज की रोशनी में कुछ देर जरूर रहें। इससे अवसाद जल्दी हटेगा। बाहर टहलने जाएं। रोज बाहर टहलें, इससे मन में उत्साह बना रहेगा। ध्यान व योग को दिनचर्या में शामिल करने से अवसाद दूर होगा। तभी एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सकेगा।
कार्यक्रम में मंडलीय जिला चिकित्सालय के डाक्टर, पैरामेडीकल स्टाफ, दिलीप मौर्या (एफएलसी) स्टाफ नर्स तथा कर्मचारी मौजूत रहे।