घर के आस-पास रखें साफ-सफाई, करें मच्छरदानी का प्रयोग-सीएमओ
आजमगढ़, 13 अक्टूबर 2022
जनपद में संचारी रोग नियंत्रण अभियान के दौरान जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न स्तरों पर विभागीय जिम्मेदारी सौंपी गयी है| अभियान को सफल बनाने के लिए विभिन्न विभाग सहयोग एवं समन्वय बनाकर, जन-जागरूकता व जन-सहभागिता के साथ कार्य कर रहे हैं| यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी का|
डॉ तिवारी ने बताया कि जिले की कुल 3889 आशा कार्यकर्ता में से 3755 आशा घर-घर जाकर संचारी रोगों के प्रति जागरूक कर रही हैं। इसी क्रम में पांच दिनों में कुल 6973 घरों में आशा ने भ्रमण किया। इसमें मलेरिया बुखार के 88 रोगियों की जांच की गई। इसमें से कोई भी मरीज धनात्मक नहीं मिला है। हालांकि 13 दिन में डेंगू के 4 मरीज मिले हैं। कोविड संबंधी जैसे सर्दी, खांसी के 47 मरीजों की जांच में भी कोई मरीज धनात्मक नहीं है। हालांकि टीबी के 25 मरीज चिन्हित किए गए हैं। कुपोषण से चिन्हित 49 बच्चे में से सात बच्चे पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती किये गये हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी शेषधर द्विवेदी ने बताया कि संचारी रोगों से बचाव के उपकरण जिसमें फागिंग मशीन,लार्वा साईडर पंप, आदि उपकरणों को भी रखा गया| साथ ही साथ संचारी रोग किन-किन संक्रमण से फैलता है,उससे बचने के लिए भी सुझाव हेतु आशा कार्यकर्ता द्वारा संचारी रोगों के प्रति लोगों को जागरूक कर साफ-सफाई के प्रति प्रोत्साहित किया जा रहा है| संचारी रोगों के प्रति रोकथाम व बचाव ही इसका सबसे बेहतर इलाज है | व्यक्तियों में एक दूसरे से सीधे संपर्क व भोजन, पानी, हवा आदि माध्यमों से स्थानांतरित होने वाले रोग संचारी रोग की श्रेणी में आते हैं | जिसके लिए साफ-सफाई का ध्यान रखा जा रहा है, शुद्ध पानी, ताजे एवं स्वच्छ भोजन का उपयोग करने को प्रेरित किया जा रहा है|
मच्छर जनित रोगों जैसे डेंगू व मलेरिया से बचाव के लिए पानी का भराव न होने दिया जाए। फ्रिज और कूलर की साप्ताहिक सफाई आवश्यक है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे संचारी रोग पर नियंत्रण रखने के लिए आशा अपने क्षेत्र में साफ-सफाई रखने के लिए जागरूक कर रही हैं। इसमें नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता, शुद्ध पेयजल, मच्छरों की रोकथाम, खुली नालियों को ढंकने, हैडपंप के चारों और कंक्रीट से बंद करना, जलभराव को रोकना, खुले में शौच पर रोकथाम से बीमारियों पर प्रहार किया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत टीबी, बुखार, टाइफाइड, मलेरिया आदि बीमारियों से ग्रसित मरीजों को चिह्नित किया जा रहा है।