मुज़फ्फरनगर। सपा नेता सुमित खेडा ने बताया कि मुलायम सिंह देश मे ही नहीं बल्कि अंतर्राष्टीय स्तर पर मशहूर रहे है, क्योकि वह भले ही प्रधानमंत्री न बने हो, लेकिन प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे जरूर है, कई बार किन्ही कारणवश वह प्रधानमंत्री बनते बनते रह गए, लेकिन देश की राजनीति में उनका वजूद प्रधानमंत्री से कम नही रहा।
मुलायम सिंह यादव से मजदूर, मजलूम, गरीब, बेसहारा, किसान बड़ी संख्या में मुहब्बत करते थे।
मुलायम सिंह से लोग दिल से जुड़े थे, अलग पार्टी में काम करने वाले बहुत नेता व कार्यकर्ता भी उनके फैन है, क्योकि मुलायम सिंह यादव ने अच्छा फैसला लेते हुए कभी अंजाम की परवाह नही की।
उन्होने ये भी नहीं सोचा कभी कि कोई उनसे नाराज़ होंगा या वोट नही देगा।
उनकी जितनी तारीफ की जाए कम है।
मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे, यही नहीं चौथी बार 2012 में भी सपा की मुलायम के चेहरे पर ही सरकार बनी थी, लेकिन उन्होंने कुर्सी पर अपने बेटे अखिलेश को बैठा दिया था,
पहली बार सन 1989-91 तक दूसरी बार समाजवादी के गठन के बाद सन 1993, तीसरी बार सन 2003 में बने फिर 2012 में अपने बेटे अखिलेश को कमान सौंपी।
धरतीपुत्र मुलायम सिंह ने पहलवानी से राजनीति में एंट्री की थी, जो बड़े बड़े दिग्गजों को पटखनी देकर आगे बढ़ते चले गए।
आज उनकी अस्थि बड़े ही गमगीन माहौल में गंगा में बहा दी गई, लेकिन सच तो यह है कि हकीकत में मुलायम भले ही मर गए हो, लेकिन लोगो के दिलो में जिंदा है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी खुद उनकी तारीफ की थी। देश के पहले नेता ऐसे है, जिनकी मौत पर हर पार्टी के नेता व कार्यकर्ता दुखी हुए। ऐसे नेता को मेरा नमन जो जमीनी कार्यकर्ताओ को पूरा सम्मान देते थे। काबिल कार्यकर्ताओ को नाम से जानते थे, जिन्होंने हर वर्ग को सम्मान दिया है।