आजमगढ़, घबराने से नहीं, इलाज से ठीक हो जाता है कुष्ठ रोग, दिव्यांगता का प्रतिशत कुछ भी हो, मिलती है पेंशन

आजमगढ़, 18 अक्टूबर 2022
कुष्ठ रोग यानी लेप्रोसी को जड़ से मिटाने के लिए केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार भी लगातार प्रयासरत है| इसको लेकर समय-समय पर अभियान चलाए जाते हैं और लोगों को कुष्ठ रोग के प्रति जागरूक किया जाता है| शुरुआती दौर में इलाज से कुष्ठ रोग पूरी तरह से ठीक हो जाता है और दिव्यांगता से बचा जा सकता है, यह कहना है जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ सी.पी. गुप्ता का|
डॉ गुप्ता ने बताया कि जिले में कुल 181 कुष्ठ रोगी उपचार प्राप्त कर रहे हैं। कुष्ठ रोग के कारण कुछ लोगों में दिव्यांगता आ जाती है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से जिले में अब तक कुल 277 दिव्यांगता प्रमाणपत्र प्रदान दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि गत 30 जनवरी से 14 फरवरी माह तक पखवाड़ा मनाया गया था, जिसमें कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों को छूकर यह बताने की कोशिश की गई कि कुष्ठ रोग छुआछूत की बीमारी नहीं है| जागरूकता के दौरान कुष्ठ रोग के लक्षण शरीर पर हल्के रंग के दाग पर सुन्नता हो, नसों में झन्नाहट हो, कुष्ठ पीड़ित मरीजों के साथ-साथ जन समुदायक को भी कुष्ठ रोग के शुरुआती लक्षण की जानकारी दी गई एवं दिखने के बाद तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में संपर्क करने के लिए समझाया गया|
कुष्ठ रोग से मुक्त सठियांव ब्लॉक निवासी 45 वर्षीय राशिद ने बताया कि मेरे हाथ और पैर में हल्के लाल दाग होने लगे थे| छूने पर इसमें कुछ पता नहीं चल रहा था| छह से सात निशान हो गया था| सोचा की कुछ होगा,जो खुद ही ठीक हो जाएगा| लेकिन दाग बढ़ने लगा तो घर के नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर तीन मार्च 2021 में गया | जांच हुई पता चला कि कुष्ठ रोग है| डॉक्टर ने कहा डरो मत नियमित दवा सेवन करो | बताए गए नियम का पालन करो| पहले जैसे स्वस्थ हो जाओगे | पीएचसी से नि:शुल्क दवा मिल जाती थी | 20 जून 2022 को जांच में पूरी तरह स्वस्थ पाया गया| आज मेरी दवा बंद कर दी गई है| अब मैं पहले जैसे ही अपनी जिंदगी जी रहा हूँ| सरकार को बहुत-बहुत धन्यबाद|
जिला पर्यवेक्षक अधिकारी रामचन्द्र चौहान ने कहा कि कुष्ठ रोग के कारण दिव्यांग हुए ऐसे सभी दिव्यांगजन जो उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं | जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले हैं | वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले जिनकी आय 46080 रुपये तथा शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले की आय 56460 रुपए प्रति वर्ष की सीमा के अंदर है| और शासन द्वारा संचालित अन्य कोई पेंशन का लाभ ना प्राप्त कर रहे हों| तो ऐसे लाभार्थी को दिव्यांग पेंशन का लाभ मिल सकता है| चाहे दिव्यांगता का प्रतिशत कुछ भी हो पेंशन की धनराशि प्रतिमाह ₹3000 दिया जाता है | दिव्यांगता प्रमाण पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी के स्तर से जारी होना चाहिए लाभ पाने के लिए पात्र दिव्यांगजन को http://sspy-up.gov.in पर अपना आवेदन करना होता है | इसके पश्चात जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी के सत्यापन के बाद पात्र दिव्यांगजन को योजना का लाभ मिलता है|