1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में जेल की सजा काट रहे पूर्व कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। इससे पहले 14 फरवरी को उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था।
चिकित्सीय आधार पर अंतरिम जमानत का अनुरोध करने वाले सज्जन कुमार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 दिसंबर, 2018 को उम्र कैद की सजा सुनायी थी। शीर्ष अदालत ने पिछले साल छह नवंबर को निर्देश दिया था कि कांग्रेस के इस पूर्व नेता के स्वास्थ्य की जांच एम्स के चिकित्सकों का दल करे और उनके स्वास्थ्य के बारे में अपनी रिपोर्ट पेश करे।
न्यायालय ने पिछले साल पांच अगस्त को कहा था कि वह सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर 2020 में विचार करेगा क्योंकि यह ‘साधारण’ मामला नहीं है और इसमें विस्तार से सुनवाई की जरूरत है। वहीं सीबीआई ने सज्जन कुमार की जमानत का विरोध किया था। सीबीआई ने कहा था कि सज्जन कुमार के खिलाफ अपराध साबित हो चुके हैं, दूसरे मामलों की सुनवाई जारी है और सीबीआई के काम में अड़चन डाल चुके हैं।
क्या है मामला
सिख दंगों का ये मामला 5 लोगों की मौत से जुड़ा है। जब दिल्ली कैंट इलाके के राजपुर में 1 नवंबर 1984 को हज़ारों लोगों की भीड़ ने दिल्ली केंट इलाके में सिख समुदाय के लोगों पर हमला कर दिया था. इस हमले में एक परिवार के तीन भाइयों की हत्या कर दी गयी थी। वहीं एक दूसरे परिवार के गुरप्रीत और उनके बेटे केहर सिंह की मौत हो गयी थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सज्जन कुमार को इस दंगे का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।