आजमगढ़, 20 मार्च 2023
टीबी मुक्त अभियान को गति देने के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर आयोजित एकीकृत निक्षय दिवस पर 8517 मरीजों की हुई जांच में टीबी के 19 नए मरीज मिले। संभावित क्षय रोग के लक्षण वाले 205 मरीजों का बलगम जांच के लिए भेजा गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आई एन तिवारी ने बताया कि जिले के 22 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 84 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, राजकीय चिकित्सालय एवं जिला महिला चिकित्सालय के साथ ही 242 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर मंगलवार को एकीकृत निक्षय दिवस का आयोजन किया गया। इसमें नागरिकों को जांच एवं उपचार की सुविधा दी गई।
जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ परवेज़ अख्तर ने बताया कि एकीकृत निक्षय दिवस का मुख्य उद्देश टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत प्राथमिक रूप से संभावित क्षय रोगियों को खोज कर स्वास्थ्य केंद्र पर उनकी जांच करवाना एवं रोग की पुष्टि होने पर मरीज की निगरानी एवं उपचार की सुविधा उपलब्ध कराना है। इसके लिए सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर मरीजों का बलगम रखने के लिए स्थान निर्धारित कर कफ कार्नर प्लेस बनाए गए थे। कफ रेफरल से पहले हर केंद्र पर संभावित क्षयरोगियों के एचआईवी और शुगर की भी जांच की गई। आशा ने संभावित मरीजों को इस आयोजन के बारे में पहले ही सूचित कर दिया गया था।
जिला कार्यक्रम समन्वयक पीयूष अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार को एकीकृत निक्षय दिवस जनपद में वृहद रूप से मनाया गया। ओपीडी में आने वाले मरीजों में 205 का बलगम, 238 की एचआईवी, 243 का शुगर की जाँच हुई, इस दौरान टीबी के 19 नये मरीज मिले। सभी को जांच व इलाज की सुविधा मुहैया की गई। उन्होंने संभावित क्षयरोग में सबसे जरूरी बलगम की जांच कराना होता है। बलगम की जांच से ही क्षय रोग की पुष्टि होने पर इलाज पर रखें गए मरीजों को 500 रुपए पोषण भत्ता के रूप में दिया जाता है। उन्होंने बताया कि जिन लोगों को दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी आ रही है, रात में पसीना आता है, भूख नहीं लगती है या दो हफ्ते से अधिक समय से बुखार रहता है तो उसे जांच कराना चाहिए । जांच में टीबी की पुष्टि होने पर इलाज के लिए मरीज को सूचना दी जाती है l साथ ही इलाज की सुविधा उपलब्ध करायी जाती हैं|
एकीकृत निक्षय दिवस पर जांच कराने आये सिराजुद्दीन 30 वर्ष ने बताया कि उसे हल्की बुखार और खासी आ रही थी। दवा खाने से बुखार कम हो जाता है पर खासी नहीं। 12 दिन हो गए थे। आशा रीना ने कहा एक बार स्वास्थ्य उपकेंद्र पर जांच करा लेने से बीमारी का सही पता चल जाएगा। सिर्फ साथ चलो जांच करा देते हैं। 15 तारीख को आशा के साथ उपकेंद्र गया था। बलगम की जांच हुई। दो दीन बाद 17 तारीख को पता चला की टीबी है। जांच और दवा की सुविधा उपकेंद्र पर मिल गई।