नई दिल्ली। रामानंद सागार की ‘रामायण’ को लेकर इस वक्त काफी चर्चा है। इस पुराने शो की वापसी लॉकडाउन के दौरान डीडी नेशनल पर हुई। इसके बाद से शो ने टीआरपी के कई रिकॉर्ड तोड़ दिए। एक दिन ऐसा आया, जब इसने एचबीओ के शो ‘गेम ऑफ़ थ्रोन्स’ को भी पीछे छोड़ दिया। लेकिन यह पहली बार नहीं है, जब रामायण इतना फेमस हुआ हो। इससे पहले 90 के दशक में यह अपना जलवा बिखेर चुका है।
अरुण गोविल, दीपका चिखलिया र सुनील लहरी जैसे स्टार्स से सजे इस माइथोलॉजिकल शो ने टीवी के जरिए भारत के घरों में अपनी जगह बनाई। इसकी पॉपुलैरटी इतनी हो गई कि बीबीसी भी इसे टेलिकास्ट करना चाहता था। इसके लिए रामानंद सागर और बीबीसी के बीच बातचीत भी हुई थी। एक्टर्स और मेकर्स ब्रिटेन भी गए थे, लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि डील नहीं हो पाई।
इसका खुलासा भी रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने हाल ही में swarajyamag.com को दिए गए एक इंटरव्यू में किया है। बीबीसी के राइट्स खरीदने के मामले को लेकर उन्होंने बताया, ‘वे (बीबीसी) एशियाई जनता के लिए रामायण के राइट्स खरीदना चाहते थे। कॉन्ट्रैक्ट साइन करने से पहले एक इंटरव्यू के लिए रामानंद सागर, अरुण गोविल, अरविंद त्रिवेदी और मैं उनके लिवरपुल के स्टूडियो भी गए।’
प्रेम ने यह भी बताया कि कैसे यह राइट्स मुद्दा अपने अंतिम चरण तक नहीं पहुंच पाया। उन्होंने बताया, ‘वे चाहते थे कि अरुण गोविल अपने किरदार ‘राम’ पूरी ड्रेस और मुकट के साथ स्टूडियों में परेड करें, ताकि वह इसे फ़िल्मा सकें। मैंने और पिता जी ने इस बात को महसूस किया कि यह भारत में पूजे जाने वाले श्री राम की इमेज को तोड़ने का एक सोचा-समझा प्रयास है। हमनें उनकी बात को नकार दिया। लंदन और बर्मिंघम के बीच टेलीफोन पर काफी चर्चा हुई। आखिरकार, उन्होंने अनुबंध के लिए इनकार कर दिया।’ इस तरह रामायण बीबीस पर प्रसारित नहीं हो सका।