आपातकाल भारतीय लोकतन्त्र के चेहरे पर दाग है-यशवन्त सिंह
लखनऊ ( मंगलवार )। लोकतन्त्र सेनानी कल्याण समिति, उत्तर प्रदेश के संरक्षक पूर्व मंत्री यशवन्त सिंह ने कहा है कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के चेहरे पर वह दाग है जिसे कभी मिटाया नहीं जा सकता है। इसे लेकर किसी को भी गलत फहमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि फिलहाल इसका खतरा नहीं है। फिर भी इसे लेकर सदैव सतर्क रहने की जरूरत है।
आपातकाल की 50वीं बरसी पर मंगलवार को चन्द्रशेखर चबूतरा ( दारुलशफा, लखनऊ ) पर हुई लोकतन्त्र सेनानियों और सामाजिक साथियों की सभा को सम्बोधित करते हुए लोकतन्त्र सेनानी कल्याण समिति के संरक्षक पूर्व मंत्री यशवंत सिंह ने कहा है कि 25/26 जून 1975 को आधी रात को देश पर थोपे गए आपातकाल ने पूरे देश को जेल में बदल दिया था। सत्ता के अहंकार में पगलाई सरकार ने जयप्रकाश नारायण जैसे महानायक को नहीं छोड़ा। जयप्रकाश नारायण को संत कहने वाले अपने ही दल के नेता राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर सहित देश के लाखों लोगों को जेल में डाल दिया। उन्होंने कहा है कि इसे लेकर जेल में बन्द लोगों का जीवन पूरी तरह से बर्बाद हो गया। इस बर्बादी की कोई भरपाई नहीं कर सकता है।
सभा की अध्यक्षता लोकतन्त्र सेनानी कल्याण समिति के संयोजक धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने की। इस अवसर पर सर्वश्री चतुर्भुज सिंह, रवि विश्वकर्मा, अजय सिंह, गिरीश तिवारी, लक्ष्मी सिंह, राहुल पाल, चंचल चौबे, अमित प्रजापति, धर्मपाल सिंह चौहान आदि भी शामिल थे।