TV 20 NEWS ||AZAMGARH: वरिष्ठ साहित्यकार श्री जगदीश प्रसाद बरनवाल ‘कुंद’ को “शैदा साहित्य सम्मान 2025” से किया गया सम्मानित

शैदा साहित्य मंडल आजमगढ़ द्वारा किए गए आयोजन “सम्मान समारोह एवं कवि गोष्ठी “में वरिष्ठ साहित्यकार श्री बालेदीन यादव की अध्यक्षता में दिनांक 29.01.2025 को श्री जगदीश प्रसाद बरनवाल ‘कुंद’ जी को उनके द्वारा किए जा रहे अनवरत 64 वर्षों से की जा रही साहित्यिक सेवा के लिए उनके निज निवास सर्फुद्दीनपुर (रेलवे स्टेशन बाजार) पर “शैदा साहित्य सम्मान 2025”से सम्मानित किया गया।इस अवसर पर श्री जगदीश प्रसाद बरनवाल ‘कुंद’ जी के साहित्य पर चर्चा करते हुए प्रोफेसर अखिलेश चन्द्र प्रधान संपादक अखिल गीत शोध दृष्टि अंतरराष्ट्रीय शोध अर्द्ध वार्षिक जर्नल और साहित्यकार ने कहा कि “31 जुलाई 1949 को जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार श्री जगदीश प्रसाद बरनवाल ‘कुंद’ जी का जन्म हुआ।आपमें साहित्य का अनुराग बचपन से ही आ गया था।मात्र 14 वर्ष की उम्र से ही आपकी रचनाएं “आज” समाचार पत्र में प्रकाशित होनी शुरू हो गई।यह सिलसिला आगे बढ़ता रहा।आपकी कविताओं का प्रकाशन उस समय की नामचीन पत्र और पत्रिकाओं जैसे दैनिक जागरण,नया ज्ञानोदय,हिंदुस्तान,आजकल, संस्कृति,सोच विचार,समकालीन भारतीय साहित्य,पुनर्नवा आदि में अपना स्थान पाने लगी।आपकी कविता के साथ नाटक,समीक्षा,कहानी स्तंभ लेख लगातार प्रकाशित होते रहे।आजमगढ़ से प्रकाशित दैनिक देवल का सम्पादन भी आपने लंबे समय तक किया।आपकी महत्वपूर्ण कुल 15 पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं जिनमें विदेशी विद्वानों का हिंदी प्रेम,विदेशी विद्वानों का संस्कृत प्रेम,सच के करीब,सूरज का रूप,विदेशी विद्वानों की दृष्टि में हिंदी रचनाकार, अनुरंजिता,जीवन लय,राहुल सांकृत्यायन:जिन्हें सीमाएं बांध न सकी,विरही विश्राम,सप्तमुक्ता,उत्तर प्रदेश का स्वतंत्रता आंदोलन आजमगढ़ और विविध संदर्भों में आजमगढ़ महत्वपूर्ण पुस्तकें शामिल हैं।आपके बड़े- बड़े आजमगढ़ से जुड़े शोधपत्र /हिंदी साहित्य लेख को अपने प्रधान सम्पादन और प्रोफेसर गीता सिंह के सम्पादन में निकलने वाली अंतरराष्ट्रीय शोध अर्द्ध वार्षिक जर्नल “अखिल गीत शोध दृष्टि”में क्रमशः 11 अंकों में प्रकाशित करके आपके साहित्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने का सुअवसर भी प्राप्त किया है।आपको उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने पांडेय बेचन शर्मा उग्र सम्मान भी मिल चुका है।इस पुरस्कार में उन्हें 75000 की राशि मिल चुका है।
अध्यक्षीय भाषण में श्री बालेदीन यादव जी ने कहा कि श्री जगदीश प्रसाद बरनवाल ‘कुंद’ जी अपने आप में एक चलता फिरता विश्वविद्यालय हैं।आपके पास जो भी नवांकुर या हमउमर आता है वह बहुत ज्ञान से अभिसिंचित होकर ही जाता है। सम्मान सभा में बोलते हुए शैदा साहित्य मंडल के अध्यक्ष श्री शैलेन्द्र मोहन राय अटपट जी ने कहा कि श्री जगदीश प्रसाद बरनवाल ‘कुंद’ जी का सम्मान आजमगढ़ के सभी सम्मानित साहित्यकारों का सम्मान है।इस अवसर पर श्री जगदीश प्रसाद बरनवाल ‘कुंद’ जी को अंग वस्त्र और प्रमाण पत्र “शैदा साहित्य सम्मान 2025”से उपस्थित साहित्यकारों ने देकर सम्मानित किया।
सम्मान के उपरांत श्री देवेंद्र तिवारी देव के संचालन में एक सरस कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ।कवि गोष्ठी में श्री राज कुमार आशीर्वाद, श्री आदित्य आजमी,श्री मैकश आजमी,श्री राजनाथ यादव राज,श्री जय हिंद सिंह हिंद,श्री अभिराज बेदर्दी,श्री कौशल कुमार राय, इंजीनियर घनश्याम यादव,श्री राजेश अस्थाना अनंत महामंत्री, डॉ0अजय गौतम,श्री शिव कुमार प्रियदर्शी मऊ,श्री जितेंद्र कुमार नूर,प्रोफेसर अखिलेश चन्द्र और श्री शैलेन्द्र मोहन राय अटपट जी ने कविता पाठ किया।
सम्मान से अभिभूत श्री जगदीश प्रसाद बरनवाल ‘कुंद’ जी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी यूं ही आजमगढ़ के साहित्य को समृद्ध करते रहिए।जनपद आजमगढ़ की सबसे पुरानी साहित्यिक संस्था शैदा साहित्य मंडल आजमगढ़ का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।इस अवसर पर श्री जगदीश प्रसाद बरनवाल ‘कुंद’ जी के अभिन्न मित्र श्री सुक्खू राम भारती,के साथ आपका पूरा परिवार शामिल रहा।आपके पूरे परिवार के सहयोग के लिए सभी ने अपना आभार भी व्यक्त किया।