*TV20 NEWS|| PRAYAGRAJ : वक्फ संपत्ति पर अनधिकृत निर्माण के मुकदमे में अंतिम फैसले पर रोक, आजम खान और वीरेंद्र गोयल के मामले में सुनवाई आज*

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद आजम खान और अन्य अभियुक्तों के खिलाफ वक्फ संपत्ति पर अनधिकृत निर्माण में 12 अलग-अलग एफआईआर के मुकदमे में अंतिम करने पर रोक लगा दी है. यह आदेश जस्टिस दिनेश पाठक ने मोहम्मद इस्लाम उर्फ इस्लाम ठेकेदार और एक अन्य की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी को सुनकर दिया है.

कोर्ट ने वक्फ संपत्ति पर अनधिकृत निर्माण मामले को तीन जुलाई को नए सिरे से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए तब तक ट्रायल जारी रखने की अनुमति दी है. प्रकरण 2019 और 2020 के बीच रामपुर कोतवाली में दर्ज 12 एफआईआर से जुड़ा है, जो 15 अक्टूबर 2016 को यतीम खाना वक्फ नंबर 157 की वक्फ संपत्ति पर अनधिकृत निर्माणों को ध्वस्त करने से संबंधित है.

रामपुर के विशेष जज एमपी/एमएलए के यहां वक्फ संपत्ति पर अनधिकृत निर्माण में सभी एफआईआर पर एक साथ  मुकदमा चल रहा है. इसी मुकदमे को लेकर पूर्व सांसद मोहम्मद आजम खान और वीरेंद्र गोयल की याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी.

अधिवक्ता शाश्वत आनंद के अनुसार यह याचिका ट्रायल कोर्ट के गत 30 मई के आदेश को लेकर की गई है, जिसमें सूचनाकर्ताओं और प्रमुख अभियोजन गवाहों, जैसे सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर अहमद फारूकी, को वापस बुलाने और 2016 की बेदखली की वीडियोग्राफिक साक्ष्य प्रस्तुत करने के उनके अनुरोध को खारिज कर दिया गया था.

याचिका में कहा गया है कि वह साक्ष्य जिसे फारूकी ने स्वीकार किया है, उनकी अनुपस्थिति साबित करके उन्हें बरी कर सकता है.

गन्ना मूल्य बकाया भुगतान पर चीनी मिल से कोर्ट ने मांगी जानकारी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरेली स्थित केसर इंटरप्राइजेस लिमिटेड से संबंधित लगभग 170 करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य बकाया भुगतान  मामले में जानकारी मांगी है. याचिका की अगली सुनवाई 19 जून को होगी. गन्ना मिल ने कोर्ट से कहा कि उसे संपूर्ण बकाया का 25 प्रतिशत भुगतान 31 जुलाई, 2025 तक और शेष राशि ब्याज सहित 31 दिसंबर, 2025 तक करने की अनुमति दी जाए.

सहकारी गन्ना विकास समिति के अधिवक्ता रवींद्र सिंह ने इस प्रस्ताव का विरोध किया और कहा कि 31 जुलाई, 2025 तक बकाया राशि का 50 प्रतिशत भुगतान किया जाए. जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस हरवीर सिंह की खंडपीठ ने  मिल से बकाये के संबंध में जानकारी मांगी है.

बरेली स्थित केसर इंटरप्राइजेस लिमिटेड पर सीजन 2024-2025 के लिए 170.40 करोड़ रुपये के बकाया है . गन्ना आयुक्त, उत्तर प्रदेश, लखनऊ ने इस राशि पर 12 प्रतिशत ब्याज सहिता कुल 182.3046 करोड़ रुपये की वसूली के लिए प्रमाण पत्र जारी किया था, जिसे गन्ना मिल ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है.