*TV20 NEWS || AZAMGHARH :गो आधारित कृषि के माध्यम से जटिल बीमारियों से बचाव के साथ ग्लोबल वार्मिंग से भी बचा जा सकता है: अध्यक्ष, गो सेवा आयोग*

प्रेस नोट

मण्डल स्तरीय गोवंश अनुश्रवण, मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की बैठक सम्पन्न

गोवंशों के संरक्षण के साथ ही गोवंशों का संवर्धन अत्यन्त जरूरी है: मण्डलायुक्त

गो आधारित कृषि के माध्यम से जटिल बीमारियों से बचाव के साथ ग्लोबल वार्मिंग से भी बचा जा सकता है: अध्यक्ष, गो सेवा आयोग

गो हत्यारों एवं गो तस्करों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही की जा रही है: डीआईजी

आज़मगढ़ 27 अगस्त — मण्डलायुक्त विवेक की अध्यक्षता में बुधवार को उनके कार्यालय सभागार में मण्डल स्तरीय गोवंश अनुश्रवण, मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक को सम्बोधित करते हुए मण्डलायुक्त ने कहा कि मण्डल के जनपदों में विगत वर्षों में पशु पालन विशेष रूप से गो पालन में जो कमी आई है उसे पूरा करने के लिए तत्काल एक कार्ययोजना बनाई जाय तथा क्रमवार लक्ष्य निर्धारित करते हुए गोवंश पालन की कमी को पूरा कराया जाय। इसके साथ ही उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि महिला स्वयं सहायता समूहों के द्वारा गोवंशों के पालन एवं संरक्षण पर शासन से पर्याप्त सहायता राशि प्राप्त होती है, इसलिये इस योजना का व्यापक प्रचार प्रसार कराया जाय तथा अधिक से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गोवंशों का संरक्षण एवं संवर्धन कराया जाय। मण्डलायुक्त विवेक ने कहा कि कृषि में उत्पादकता बढ़ाने में गोवंश का सबसे महत्वपूर्ण योगदान होता है, इसलिए कृषकों को गो आधारित कृषि के प्रति जागरुक किया जाय। उन्होंने पशु पालन विभाग के अधिकारियों को अन्य विभागों के अधिकारियों से निरन्तर सम्पर्क में रहने का निर्देश देते हुए कहा कि यदि कहीं कोई समस्या आती है तो उससे अवगत करायें ताकि उसका सम्यक निकराकरण कराया जा सके। मण्डलायुक्त ने निर्देश दिया कि गोवंशों के साथ ही अन्य पशुओं का टीकाकरण एवं उपचार समय से करना सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने जनपद में भूसा भण्डारण हेतु समय से टेंडर और खरीद नहीं किए जाने पर नाराजगी व्यक्त किया।

बैठक को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने कहा कि मानव समाज में गोवंश की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि पर्यावरण को बचाने, ग्लोबल वार्मिंग से बचने, एक स्वास्थ समाज की संरचना आदि में गोवंशों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। उन्होंने कहा कि धरती को बचाना आज हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है और यह तभी संभव है जब हम रासायनिक खेती के बजाय गो आधारित कृषि को अपनायें। उन्होंने पशुपालन, कृषि सहित अन्य विभागों को निर्देश दिया कि गो आधारित कृषि के लाभों से अवगत कराते हुए कृषकों को इसके लिए प्रेरित करें। गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री गुप्ता ने सरकार द्वारा संचालित जीवामृत योजना की चर्चा के दौरान कहा कि गोवंशों के मूत्र और गोबर को सुरक्षित एकत्र करने के लिए इस योजना के तहत पक्का कैटल शेड का निर्माण कराया जा रहा है। श्री गुप्ता ने गो आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों को हरा चारा उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में कई हरे चारे की प्रजातियों का उल्लेख करते हुए कहा कि पशुचर की भूमि पर इन चारों की बुवाई कर आसानी से पौष्टिक हरा चारा प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बायोगैस लगवाकर गोशालाओं और गो आश्रय स्थलों से गोबर प्राप्त कर इस सदुपयोग किया जाय। उन्होंने गौ आधारित कृषि पर जोर देते हुए कहा कि इससे भूमि को संरक्षण मिलता है, उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है तथा प्रदूषण भी नियन्त्रित रहता है। उन्होंने कहा कि यदि किसान प्राकृतिक गो आधारित कृषि को अपनाता है तो गोवंशों के निराश्रित होने की संभावना भी स्वतः समाप्त हो जायेगी। गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री गुप्ता ने कहा कि हमारे देश की अर्थ व्यवस्था का आधार गाय, गांव और किसान हैं, इसलिए इस पर पूरी गंभीरता से विचार करते हुए गो आधारित प्राकृतिक खेती की जाय तथा गोवंशों के प्रति पूरी संवेदना रखी जाय। श्री गुप्ता ने मण्डल के जनपदों में स्थापित गो आश्रय स्थलों, भूसा भण्डारण, हरे चारे की व्यवस्था, पशुचर की उपलब्ध भूमि, अतिक्रमणमुक्त कराई गयी भूमि, अतिक्रमित भूमि को मुक्त कराने की अद्यतन प्रगति, कुल गोवंशों की तहसीलवार सूचना, गो आश्रय स्थलों में उपलब्ध सुविधाओं आदि का विस्तृत विवरण उपलब्ध कराये जाने हेतु सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिया।

डीआईजी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि मण्डल के तीनों जनपदों में गोवंशों की हत्या रोकने एवं गो तस्करी रोकने की प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि तीनों जनपद में इस वर्ष 86 मुकदमें दर्ज किए गये है, 46 मुल्जिमों को जेल भेजा जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि गो हत्यारों एवं गो तस्करों के विरुद्ध गुण्डा ऐक्ट, गैंगेस्टर ऐक्ट आदि की कार्यवाही के साथ सम्पत्ति जब्त किए जाने की कार्यवाही भी गयी है। उन्होंने कहा कि इसके प्रति प्रभावी कार्यवाही की गयी है। इससे पूर्व जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने जनपद में स्थापित गोआश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों हेतु की गयी व्यवस्थाओं, वृक्षारोपण कार्यक्रम, पशुचर भूमि पर हरे चारे की बुवाई आदि के सम्बन्ध में जानकारी दी। बैठक को उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के उपाध्यक्ष महेश कुमार शुक्ल व जसवंत सिंह उर्फ अतुल सिंह, सदस्यगण राजेश सिंह सैंगर, दीपक गोयल एवं रमाकान्त उपाध्याय ने भी सम्बोधित किया।

इस अवसर पर जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार, पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा, अपर निदेशक, पशु पालन डा. नीरज कुमार गौतम, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आजमगढ़ मुकेश गुप्ता, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी बलिया डा. सुशील कुमार मिश्र, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी मऊ डा. रामबचन चौरसिया सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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जि0सू0का0 आज़मगढ़ द्वारा प्रसारित: दिनांक 27.08.2025

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