आजमगढ़ 25 जून– उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ एवं मा0 जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ के निर्देशानुसार आज कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए दीवानी न्यायालय, आजमगढ़ में स्थित वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला जेल आजमगढ़ में आनलाईन विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
आनलाईन शिविर की अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सुश्री अनीता द्वारा की गयी। शिविर में उपस्थित पुरूष बन्दियों निराले, दीपक सिंह, विजय शंकर सिंह तथा महिला बन्दियों सम्पत्ती देवी, सुनीता, सविता आदि से सचिव ने वार्ता की तथा उनकी समस्याओं को सुना। सचिव ने बन्दियों की समस्याओं के समाधान के लिए जेल अधिकारियों को निर्देशित किया कि बन्दियों को चिकित्सीय सुविधा, भोजन व दवा आदि की व्यवस्था समय से मुहैया करायें।
महिला डिप्टी जेलर नीलम सिंह ने बताया कि सभी बन्दियों को मास्क का वितरण कर दिया गया है तथा 45 वर्ष से अधिक आयु वाली महिला बन्दियों को कोविड-19 का टीकाकरण कराया जा चुका है तथा इस समय कोई भी महिला बन्दी कोरोना पाजिटिव नहीं है। कुछ महिला तथा पुरुष बन्दियों ने उनके मुकदमों की पैरवी के लिए अधिवक्ता न होने के बारे में बताया, जिस पर सचिव ने संज्ञान लेते हुए जेल के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जेल लीगल सर्विस क्लीनिक के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ को पत्र प्रेषित कर अपने मुकदमे की पैरवी के लिए अधिवक्ता प्राप्त कर सकते है। इस आनलाईन विधिक साक्षरता शिविर में उपस्थित सभी बन्दियों ने मास्क पहना हुआ था तथा कोविड नियमों का पालन करके उचित दूरी भी बनाये थे।
सचिव ने शिविर में उपस्थित बन्दियों को उनके अधिकारों व कर्तव्यों के बारे में बताया तथा उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार 07 साल तक सजा वाले बन्दियों को जमानत पर 60 दिन के लिए नियमानुसार छोड़े जाने हेतु जेल प्रशासन को दिशा निर्देश दिये।
इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ता सीएल निगम व लिपिक पुनीत यादव उपस्थित रहे।