आपदा से फसल में नुकसान से उपज में कमी होने पर योजना में प्राविधान के अनुसार देय होगी क्षतिपूर्ति

आजमगढ़ 28 जून– प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजनान्तर्गत प्राकृतिक आपदाओं जैसे- सूखा, सूखे की अवधि, बाढ़, ओला, भूस्खलन, तूफान, चक्रवात, आकाशीय बिजली से उत्पन्न आग एवं रोके न जा सकने वाले अन्य जोखिमों, रोगो/कृमियों से क्षति की स्थिति के कारण बीमित फसल में नुकसान से उपज में कमी होने पर योजना में प्राविधान के अनुसार क्षतिपूर्ति देय होगी।
जनपद में प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजनान्तर्गत धान, मक्का एवं अरहर फसल आच्छादित है, खरीफ फसल की बीमित धनराशि का 2 प्रतिशत का भुगतान कर कृषक द्वारा अपनी फसल का बीमा कराया जा सकता है, जिसका फसलवार बीमित धनराशि एवं प्रीमियम दर निर्धारित हैl उन्होंने बताया कि धान हेतु बीमित धनराशि रु0 62258, प्रीमियम की धनराशि रु0 1245, मक्का हेतु बीमित धनराशि रु0 33246, प्रीमियम की धनराशि रु0 665, अरहर हेतु बीमित धनराशि रु0 69078, प्रीमियम की धनराशि रु0 1381 हैl
आज कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आनंद कुमार शुक्ला द्वारा निर्देश दिये गये कि बीमा कम्पनी द्वारा जनपद में योजना को प्रचार-प्रसार कराया जाय, ताकि जनपद के समस्त ऋणी एवं गैर ऋणी कृषक भाई उपरोक्त फसलों का बीमा दिनांक 31 जुलाई 2021 के पूर्व करा लें। गैर ऋणी कृषक स्वैच्छिक आधार पर अपने निकटतम जन सेवा केन्द्र (सीएससी)/बैंक शाखा/बीमा कम्पनी के अधिकृत ऐजेण्ट के माध्यम से अपनी अधिसूचित फसल (धान, मक्का एवं अरहर) का बीमा नियमानुसार प्रीमियम की धनराशि जमा कर बीमा करा सकते है। फसल बीमा कराने हेतु कृषक अपना आधार नम्बर, मोबाइल नम्बर, बैंक खाते का विवरण आदि अपने साथ रखे। फसल बीमा कराने की अन्तिम तिथि 31 जुलाई 2021 निर्धारित है।
जिला कृषि अधिकारी डॉ0 उमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि जनपद के ऐसे कृषक भाई जिनका किसान क्रेडिट कार्ड बना है वे कृषक यदि अपनी फसल का बीमा नही कराना चाहते है तो उन्हे दिनांक 24 जुलाई 2021 तक योजनान्तर्गत प्रतिभाग नही करने के सम्बन्ध में लिखित रूप से सम्बन्धित बैंक शाखा को अवगत कराना होगा, अन्यथा की स्थिति में बैंक द्वारा सम्बन्धित कृषक के फसल का बीमा करते हुए प्रीमियम की धनराशि की कटौती कर दी जायेगी। विगत खरीफ वर्ष 2020 में कुल 12334 कृषक धान फसल हेतु बीमा कराये थे। बाढ के कारण धान फसल में हुए क्षति की क्षतिपूर्ति के रूप में कुल 1735 कृषकों को 129.38 लाख रू0 डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में भेजा गया।