आजमगढ़। रौनापार थाने के अंतर्गत पलिया गांव में पुलिस द्वारा किये गये ज्याददती के खिलाफ को संविधान बचाओ अधिवक्ता अभियान समिति ने भी हुंकार भर दी। उक्त मामले को लेकर समिति की एक बैठक दीवानी कचहरी के अधिवक्ता भवन में समिति के अध्यक्ष एडवोकेट परवेज अहमद की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
बैठक में पलिया की घटना का विस्तार से संज्ञान लेने के बाद प्रकरण में परवेज अहमद ने कहाकि पलिया की घटना बेहद दुखद है, सभ्य समाज के लिए ऐसी घटनाएं अत्यंत शर्मनाक है, जिसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। इसके बाद सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास हुआ कि दलित बस्ती में भरपाये गये पुलिस तांण्डव की कटु निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही किये जाने की मांग किया गया। इस मामले को लेकर आगामी 15 जुलाई को समिति का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी को पत्रक सौंपकर कार्यवाही की मांग करेगा।
अन्य वक्ताओं ने संविधान पर हो रहे हमले और संवैधानिक संस्थाआें के दुरूपयोग पर चिंता व्यक्त किया। यूएपीए कानून के दुरूपयोग और सामाजिक, राजनैतिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ षड्यंत्र को लोकहित के विरूद्ध बताया। बैठक में आल इंडिया बार कौंसिल द्वारा एडवोकेट रूल में किये गये संशोधन को अधिवक्ताओं के हित पर हमला बताते हुए इसे अविलम्ब वापस लेने की मांग किया।
साथ ही वैश्विक महामारी कोविड-19 में मृतकों की सूची सार्वजनिक पर उनके परिजनों को चार चार रूपया प्रदान किये जाने समिति ने वकालत किया।
अंत में दो मिनट का मौन रखते हुए समिति के साथियों ने फादर स्टैन स्वामी व दिलीप कुमार के निधन पर शोक जताया।
इस अवसर पर रविन्द्र यादव, अनिल कुमार राय, पूर्व बार अध्यक्ष सच्चिदानंद राय, दयाराम यादव, शिवाजी यादव, जितेन्द्र हरि पांडेय, शफीक अहमद, अब्दुल्ला, इरफान, शिवेन्द्र, इरशाद अहमद, मो शाहिद सहित आदि अधिवक्ता साथी मौजूद रहे।
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