जनपद न्यायालय परिसर आजमगढ़ में राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ आयोजन

आजमगढ़ 10 जुलाई– जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आजमगढ़ के तत्वाधान में आज जनपद न्यायालय परिसर आजमगढ़ में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन मा0 जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दिनेश चंद की अध्यक्षता में माँ सरस्वती के प्रतिमा के समक्ष दीपार्चन एवं पुष्पार्चन करके नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत ओम प्रकाश वर्मा एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ सुश्री अनीता की देख-रेख में कराया गया।
इस अवसर पर सभी सम्मानित न्यायिक अधिकारीगण व उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पार्चन किया।
मा0 जनपद न्यायाधीश ने लोक अदालत की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह एक ऐसा माध्यम है जिसमें किसी पक्ष की हार नहीं होती और सिविल मामलों में कोर्ट फीस भी सम्बन्धित पक्ष को वापस हो जाती है। माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ द्वारा कुल 15 वादों का निरतारण किया गया।
शिवचन्द, अपर जिला न्यायाधीश, न्यायालय संख्या -01, द्वारा कुल 05 वादों का निस्तारण किया गया। लालता प्रसाद द्वितीय, प्रधान न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय द्वारा कुल 21 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें 510000 ( पॉच लाख दस हजार रू0) की धनराशि का समझौता हुआ है। पारिवारिक न्यायालय द्वारा अलग रह रहे दम्पत्तियों के वादों का निस्तारण कराकर उनको एक साथ रहने का तथा दम्पत्तियों को आशीर्वाद देकर व माला पहनाकर विदा किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा कुल 1527 वादों का निस्तारण किया गया तथा 419200 रू0 की धनराशि का अर्थदण्ड आरोपित किया गया। इसके साथ ही राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न बैंकों तथा बी.एस.एन.एल. द्वारा भी स्टाल लगाकर प्री-लिटिगेशन के 471 वादों का निस्तारण करते हुए कुल 29639050 रू0 का समझौता किया गया, जिसमें से 9810000 रू0 वसूल किया गया। इस प्रकार इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 19268 वादों में से 10143 वादों का निस्तारण किया गया।