खतरे में पड़ी बिलरियागंज की नई ब्लाक प्रमुख उर्मिला यादव की कुर्सी!

ब्यूरो रिपोर्ट आजमगढ़

सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश है कि कोई भी ऐसा व्यक्ति ब्लाक प्रमुख नहीं बन सकता जो सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया हो या अपने ऊपर दर्ज मुकदमें का तथ्य छुपाए, लेकिन बिलरियागंज ब्लाक प्रमुख के चुनाव में ऐसा ही हुआ। नई ब्लाक प्रमुख उर्मिला यादव चुनाव तो जीत गई हैं लेकिन उनके ऊपर पशु चर व नवीन परती की जमीन पर अवैध कब्जे का जो आरोप लगा उसकी सच्चाई उजागर नहीं हो पाई है। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुभ्रा राय के प्रतिनिधि दुर्गादास शर्मा ने तमाम तथ्यों सबूतों और सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए आज मीडिया के सामने खुला चैलेंज किया कि बिलरियागंज ब्लॉक के सहायक निर्वाचन अधिकारी ने जानबूझकर अवैध ढंग से उर्मिला यादव का पर्चा वैध किया जबकि उनके खिलाफ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा व राजस्व चोरी की जो आपत्ति दाखिल की गई थी उसे दरकिनार किया गया। श्री शर्मा ने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी तत्काल इस प्रकरण में हस्तक्षेप करके सच्चाई को सामने लाएं अन्यथा मैं हाईकोर्ट में और निर्वाचन आयोग में अपील करूंगा। बिलरियागंज के इस चुनाव में जो खेल हुआ है उसके पीछे वे लोग भी बेनकाब होंगे जिन्होंने सच्चाई को छुपा कर भ्रष्टाचार किया।

बाइट दुर्गादास शर्मा प्रतिनिधि शुभ्रा राय

श्री शर्मा ने उर्मिला यादव के अलावा दूसरी उम्मीदवार गीता यादव के खिलाफ भी आपत्ति दाखिल की थी जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज धारा 307 का तथ्य ही छुपा दिया था। उन्होंने कहा कि विपक्षी उम्मीदवारों और भाजपा के कुछ भीतर घाटतयों ने भ्रष्टाचार करके फर्जी ढंग से उर्मिला यादव को ब्लॉक प्रमुख बनवाया। पूरा प्रकरण हाई कोर्ट तक पहुंचेगा तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा हालांकि जिला प्रशासन के वरिष्ठ अफसरों को तत्काल इस प्रकरण में हस्तक्षेप कर न्याय करना चाहिए।

अब देखना है कि मामला जिला निर्वाचन अधिकारी के संज्ञान में आने पर कार्यवाही के स्तर तक पहुंच जाता है या फिर लड़ाई हाई कोर्ट तक जाकर अपना मुकाम पाएगी।