प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 कृषि कानूनों के विरोधियों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने किसान समर्थक कानूनों के विरोध को राजनीतिक धोखाधड़ी बताया है. पीएम मोदी ने साथ ही दोहाराया है कि सरकार किसानों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को राजमार्गों से हटाने के लिए सरकार से उपाय करने के लिए कहा था. शीर्ष अदालत ने जंतर-मंतर पर सत्याग्रह की अनुमति मांग रहे किसान संगठन को फटकार लगाई थी.
अंग्रेजी मैगजीन ओपन के साथ बातचीत में पीएम मोदी ने कहा, अगर आप देखें, जो लोग किसान समर्थक सुधारों का विरोध कर रहे हैं, तो आपको बौद्धिक कपट या राजनीतिक धोखाधड़ी नजर आएगी. उन्होंने कहा, जब बात आधार, जीएसटी, कृषि कानूनों और सुरक्षा बलों को हथियार देने जैसे गंभीर मामलों पर भी आप ऐसी ही राजनीतिक धोखाधड़ी देख सकते हैं. पहले वादा करो और उसके लिए बहस करो, लेकिन बाद में बगैर किसी नैतिक सूत्र के उसी चीज का विरोध करो.
उन्होंने आरोप लगाए कि कृषि कानूनों के मौजूदा विरोधी भी पहले यही बदलाव चाहते थे. उन्होंने कहा, ‘ये वही लोग हैं, जो मुख्यमंत्रियों को ठीक वैसा ही करने के लिए कहते थे, जैसा हमारी सरकार ने किया है. ये वही लोग थे जो अपने घोषणापत्र में लिखते थे कि हम वही बदलाव लाएंगे, जो हम लेकर आए हैं. उन्होंने कहा, लोगों की इच्छा का आशीर्वाद प्राप्त एक दूसरी पार्टी वही सुधार ला रही है, तो उन्होंने एकदम यू-टर्न ले लिया. हम छोटे किसानों की मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.