मां विंध्यवासिनी मंदिर में फोटो और वीडियोग्राफी पर लगा प्रतिबंध

शारदीय नवरात्र में मां विन्ध्यवासिनी मंदिर में अब भक्त फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी नहीं कर सकेंगे. मिर्जापुर जिले के विंध्याचल में शारदीय नवरात्र की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे मंडलायुक्त योगेश्वर राम मिश्रा ने निर्देश दिए है. मां विंध्यवासिनी दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार तंग गलियों से नहीं गुजरना पड़ेगा. विंध्य कॉरिडोर के तहत 4 प्रमुख गलियों के चौड़ीकरण से अब भक्त आराम से मां के दरबार में पहुंच सकते है.

कमिश्नर ने 9 दिनों तक मां विंध्यवासिनी का चरण स्पर्श पूर्ण रूप से प्रतिबंध करने के लिए निर्देशित किया. उन्होंने 2 अक्तूबर से मां विंध्यवासिनी मंदिरपर फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी को प्रतिबंधित करने की हिदायत दी. बैठक के बाद कमिश्नर एवं जिलाधिकारी ने मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया. इस दौरान मंदिर के आसपास खरीदी गई संपत्तियों में से अतिक्रमण हटाने के लिए क्षेत्राधिकारी एवं नगर मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया. विंध्य पर्वत की विशाल शृंखला का भक्त अब रोपवे में बैठ निहार सकेंगे. साथ ही मां विन्ध्धवासिनी दरबार में आने वाले भक्त त्रिकोण परिक्रमा करते है. कहा जाता है त्रिकोण परिक्रमा करके भक्त मनचाहा फल की प्राप्ति होती है.

वृद्ध भक्तों को पहाड़ों की सीढ़ियां चढ़ने में कठिनाई हुआ करती थी, इसलिए रोपवे बनने से वृद्ध भक्त आराम से मां अष्टभुजा और मां कालीखोह का दर्शन कर सकेंगे. शारदीय नवरात्र के पूर्व ही विंध्याचल धाम में यात्रियों की सुविधा के लिए नगर पालिका परिषद आवागमन, सफाई और प्रकाश व्यवस्था की तैयारी को दुरुस्त करने में लग गया है. विंध्य कॉरिडोर के चलते किए गए तोड़फोड़ के बिखरे मलबों और जाम नालियों के कारण नगर पालिका परिषद की जिम्मेदारी और बढ़ गई है. लिहाजा समय के पूर्व सारी व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए नगरपालिका के सैकड़ों कर्मचारी विंध्य धाम में व्यवस्था बनाने में लगे हैं.