कश्मीर में शिक्षकों की हत्या, अब सुरक्षा मिलने तक काम नहीं करेंगे सिख, कश्मीरी पंडित बोले- शांत नहीं बैठेंगे, सरकार हिला देंगे

कश्मीरी पंडितों के बाद जम्मू-कश्मीर में हुई 2 शिक्षकों की हत्या का सिख समुदाय ने भी जमकर विरोध किया. दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने सरकार से सिख समुदाय की सुरक्षा की मांग की है. साथ ही कहा है कि सुरक्षा मिलने तक सिख दोबारा काम पर वापस नहीं लौटेंगे. कश्मीरी पंडितों ने जम्मू के मुथी इलाके में प्रदर्शन किया था और अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षा की मांग उठाई थी. जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फोरम ने भी शिक्षकों की हत्या के खिलाफ गुरुवार को श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन किया था.

श्रीनगर स्थित सरकारी स्कूल की प्राचार्य सुपिंदर कौर का अंतिम संस्कार किया गया. इस मौके पर बड़ी संख्या में मौजूद रहे सिख समुदाय के लोगों ने जमकर विरोध दर्ज कराया. सिरसा ने कहा कि सिख कर्मचारी तब तक काम पर नहीं जाएंगे, जब तक सरकार उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं ले लेती. उन्होंने ट्वीट के जरिए एक वीडियो मैसेज जारी किया है और कहा है कि सिख समुदाय में दहशत का माहौल है.

सिरसा ने कहा कि उन्हें केवल इसलिए मारा गया, क्योंकि वे नॉन-मुस्लिम थे और माइनॉरिटी के लोग थे वहां पर और उन्होंने आजादी का जश्न स्कूल में मनाया था. उन्होंने जानकारी दी है कि सिख कर्मचारियों की सुरक्षा के संबंध में मुख्य सचिव को भी अवगत कराया गया है. श्रीनगर के ईदगाह इलाके में सरकारी स्कूल की प्राचार्य कौर और एक शिक्षक दीपक चंद को गोली मार दी गई थी. इस आतंकी हमले में गंभीर रूप से घायल दोनों शिक्षकों को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई.

कश्मीरी पंडितों ने भी आम नागरिकों की हत्याओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और देशभक्ति के नारे लगाए. इस दौरान आतंकवादियों के खिलाफ भी नारे लगाए गए. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, पत्रकारों से बातचीत के दौरान माइग्रेंट वेलफेयर कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार ने सरकार से उनके भविष्य को लेकर सवाल किया है. उन्होंने कहा, हम पिछले 30 सालों से भुगत रहे हैं और 5 लोग मार दिए गए हैं. हमारे समुदाय के लोगों का कत्ल किया जा रहा है. उन्होंने सरकार को चेताया हम शांत नही बैठेंगे, सरकार हिला देंगे.