आजादी का अमृत महोत्सव रेलवे स्टेशन आजमगढ़ में उपस्थित लोगों को किया गया जागरूक

आजमगढ़ 23 अक्टूबर– जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ द्वारा “आजादी का अमृत महोत्सव” के उपलक्ष्य में माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकर लखनऊ के निर्देशानुसार तथा माननीय जनपद न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आजमगढ़ के दिशा निर्देशों के अनुपालन में आज रेलवे स्टेशन आजमगढ़ में KIOSK, लगाकर रेलवे स्टेशन आजमगढ़ में उपस्थित लोगों को उनके विधिक अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन कोविड -19 हेतु पारित दिशा निर्देशों का पूर्णतः अनुपालन व सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए किया गया।
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आजमगढ़ सुश्री अनीता ने बताया कि हमारे देश के संविधान में प्रत्येक व्यक्ति के जीवन व व्यक्तिगत स्वतन्त्रता का हनन रोकने लिए मौलिक अधिकार दिया गया। यदि पुलिस द्वारा किसी व्यक्ति को जाँच या मुकदमें के सिलसिले में बुलाया जाता है तो यह पुलिस का कर्तव्य है कि वह बुलायें गये व्यक्ति से माननीय व्यवहार करें। सचिव ने बताया कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के स्थिति में गिरफ्तारी के कारण की सूचना देना अनिवार्य है तथा जमानती प्रकृति के आरोप में पुलिस द्वारा तत्काल जमानत का प्रावधान भी है। हिरासत के दौरान व्यक्ति अपने पसन्द के अधिवक्ता से विधिक राय व सलाह ले सकता है। सचिव ने नालसा द्वारा चलायी जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं से भी उपस्थित लोगों को भी अवगत कराया तथा कोविड-19 के सम्बन्ध में भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुपालन हेतु सचेत किया।
पराविधिक स्वयं सेवक अशोक कुमार द्वारा लोगों को पम्पलेट देकर नालसा द्वारा चलायी जा रही योजनाओं के बारे में जागरूक किया गया।
इस मौके पर पराविधिक स्वयं सेवक अशोक कुमार, विनय राव, रेलवे स्टेशन के अधिकारी, रेलवे सुरक्षा बल के कर्मचारीगण और यात्रीगण उपस्थित रहें।